पटना/जमुई. किसी ने सोचा भी नहीं था कि दिन दहाड़े ट्रेन में नक्सली आतंक का ऐसा सामना करना पड़ेगा। वह भी पटना कोलकाता मुख्य रेल मार्ग पर, जहां सबसे अधिक चौकसी होती है। पर पटरियों पर सरेआम दिखा लाल आतंक का क्रूर चेहरा। धनबाद पटना इंटरसिटी में सवार तकरीबन 1200 लोगों की जिंदगी सांसत में रही। एक यात्री की जान गई। सुरक्षाबल के दो जवान शहीद हुए। लगभग दर्जन भर लोग घायल हुए। बिहार के नक्सल प्रभावित जमुई जिले में हुई इस घटना ने केंद्र को भी सकते में डाला। झारखंड बिहार की सीमा के नजदीक होने के कारण इस घटना के बाद झारखंड की सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर भी पसीने आ गए हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर ने ट्रेन में सवार कई यात्रियों से बात करके जाना नक्सली हमले का वो हर मंजर।
यात्री मृत्युंजय बताते हैं कि गोलीबारी की आवाज सुनकर एक आरपीएफ जवान हरकत में आया और वह गेट की तरफ तेजी से बढ़ा। जिज्ञासावश मृत्यंजय भी उनके पीछे गया। उन्होंने देखा कि चेन पुलिंग करने वाला व्यक्ति गेट खोलकर नीचे उतरने की फिराक में है। जवान फौरन उसे दबोचने के लिए नीचे उतर ही रहा था कि पीछे से चलाई गई गोली उसे लग गई। जवान नीचे गिरा। फिर उठ नहीं पाया। वहीं जमुई के मिडिल स्कूल शिक्षक बवनजीत कुमार ने बताया कि एस-वन में नक्सलियों के गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। ट्रेन की खिड़की पर बैठे यात्रियों को गोली लगी तो बोगी में भगदड़ मच गई और लोग डकैतों का हमला समझ कर ट्रेन से नीचे उतर कर भागने लगे। नीचे उतरने के बाद गोलीबारी और बमबाजी देख यात्री फिर बोगी में घुस गए। इस दौरान भगदड़ में जल्दी से नीचे उतरने और चढऩे के दौरान कई लोगों को चोटें लगी। बाल बाल बचे कुछ पैसेंजर्स जो उस बहादुर जवान के पीछे पीछे चल रहे थे। दरअसल नक्सली दस्ता कई टुकडिय़ों में था। उस बहादुर शहीद ने पीछे की तरफ नहीं देखा और नक्सलियों ने उसे गोली मार दी। तब तक वर्दीधारी नक्सली एस टू के करीब पहुंच गए थे। अगले ही पल खिड़कियों पर गोलीबारी शुरु हो गई।
इससे पहले, नक्सलियों ने बिहार के जमुई में दिनदहाड़े ट्रेन को निशाना बनाया। गुरुवार दोपहर धनबाद से पटना जा रही इंटरसिटी ट्रेन पर करीब डेढ़ सौ नक्सलियों ने जमुई स्टेशन से आगे कुंदर हॉल्ट पर हमला कर एक जवान समेत तीन को मौत के घाट उतार दिया। इनमें एक आरपीएसएफ कर्मी, एक पुलिसकर्मी और एक यात्री शामिल हैं। हमले में पांच यात्री भी नक्सलियों की गोली का निशाना बने। सभी घायल हैं।
जानकारी के मुताबिक भलुई व कुंडेर स्टेशन के बीच कुंदर हॉल्ट पर जब ट्रेन रुकी, तो कुछ नक्सली सवार हो गए। फिर ट्रेन डेढ़-दो सौ मीटर आगे बढ़ी, कि इन्होंने ट्रेन रोक दी। दूसरी तरफ बड़ी संख्या में घात लगाए नक्सलियों के जत्थे ने ट्रेन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दीं। ट्रेन में मौजूद आरपीएसफ और आरपीएफकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, पर वे विफल रहे। इस बीच और नक्सली ट्रेन में दाखिल हो गए। यात्रियों को लूटा, जिन्होंने मना किया उनसे मारपीट की। नक्सली सुरक्षाकर्मियों के हथियार भी लूट ले गए। हमले का मास्टरमाइंड अरविंद यादव को बताया जा रहा है।
केंद्रीय गृह सचिव ने डीजीपी से ली जानकारी :
घटना के बाद केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने डीजीपी अभयानंद से स्थिति का जायजा लिया। डीजीपी ने बताया कि आरपीएसएफ के जवान सुकांत देवनाथ व महिंद्रा फाइनांस का कर्मी सरवर आलम की मौके पर ही मौत हो गई थी। जब ट्रेन क्यूल पहुंची, तो एक एसी कोच में बिहार पुलिस का सब इंस्पेक्टर कुमार अमित (पत्रकारनगर थाना, पटना) मृत मिला। गंभीर रूप से घायल मनोज कुमार को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।
राज्य में रेल पुलिस को अलर्ट :
इस नक्सली वारदात के बाद झारखंड में भी रेल पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। गृह सचिव एनएन पांडेय व डीजीपी राजीव कुमार ने बताया कि देवघर, गिरिडीह और धनबाद जिलों में जिला पुलिस को भी अलर्ट किया गया है। अन्य क्षेत्रों में भी पुलिस निगरानी बढ़ा दी गई है। जिला स्तर पर मॉनिटरिंग सेल के माध्यम से विशेष शाखा नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है।
मृतकों की सूची :
सुकांत देवनाथ : जवान, आरपीएसएफ, ई-कंपनी 5 बटालियन
कुमार अमित :(यात्री एसआई, बिहार पुलिस)
सरवर आलम : (यात्री, महिन्द्रा फाइनांस)
ये हैं घायल :
मनोज सिंह : जमालपुर रेलवे वर्कशॉप कर्मचारी
धर्मेद्र साव :(यात्री, लखीसराय)
पीके त्रिपाठी :(यात्री, पटना)
सतीश कुमार :(यात्री, मुजफ्फरपुर)
केपी सिंह 2 :(गार्ड, धनबाद)
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