अश्लील सीडी को लेकर विवादित हुए कांग्रेस के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी अब टैक्स चोरी के आरोप से घिर गए हैं। उन्होंने इनकम टैक्स सेटलमेंट कमिशन (आईटीएससी) से इस मामले में जुर्माना वसूले जाने या जांच के दायरे से मुक्त रखे जाने की गुहार लगाई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने के बाद सिंघवी ने 11 करोड़ रुपये की 'अघोषित आय' का ब्योरा देने के साथ इसके लिए 3.26 करोड़ रुपये का टैक्स अदा किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'मेरे रिटर्न में अतिरिक्त इनकम का जिक्र नहीं किया गया था। जो शख्स मेरा अकाउंट देखता है, उसने हिसाब लगाने में गड़बडी की थी। यह लापरवाही उसकी ओर से बरती गई है।' दूसरी तरफ, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सिंघवी द्वारा घोषित 11 करोड़ से संतुष्ट नहीं है। उसका कहना है कि कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा दिया गया ब्योरा सही नहीं है। डिपार्टमेंट का आकलन है कि सिंघवी ने 22.86 करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं दिया है, जिस पर 7 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है। हालांकि, सिंघवी इससे सहमत नहीं हैं।
आईटी डिपार्टमेंट ने 2011 के अंत में असेसमेंट इयर 2010-11(फाइनैंशल इयर 2009-10) के लिए नोटिस भेजने शुरू किए थे। डिपार्टमेंट का आकलन है कि इस एक साल की अवधि में ही उन्होंने 22.86 करोड़ रुपये की आय का ब्योरा रिटर्न में नहीं दिया। डिपार्टमेंट को शक है कि दूसरे सालों के दौरान भी उन्होंने आय का सही ब्योरा नहीं दिया होगा और अघोषित आय इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। जांचकर्ता अब उनके द्वारा भरे गए अन्य वर्षों के रिटर्न्स की भी जांच कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'मेरे रिटर्न में अतिरिक्त इनकम का जिक्र नहीं किया गया था। जो शख्स मेरा अकाउंट देखता है, उसने हिसाब लगाने में गड़बडी की थी। यह लापरवाही उसकी ओर से बरती गई है।' दूसरी तरफ, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सिंघवी द्वारा घोषित 11 करोड़ से संतुष्ट नहीं है। उसका कहना है कि कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा दिया गया ब्योरा सही नहीं है। डिपार्टमेंट का आकलन है कि सिंघवी ने 22.86 करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं दिया है, जिस पर 7 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है। हालांकि, सिंघवी इससे सहमत नहीं हैं।
आईटी डिपार्टमेंट ने 2011 के अंत में असेसमेंट इयर 2010-11(फाइनैंशल इयर 2009-10) के लिए नोटिस भेजने शुरू किए थे। डिपार्टमेंट का आकलन है कि इस एक साल की अवधि में ही उन्होंने 22.86 करोड़ रुपये की आय का ब्योरा रिटर्न में नहीं दिया। डिपार्टमेंट को शक है कि दूसरे सालों के दौरान भी उन्होंने आय का सही ब्योरा नहीं दिया होगा और अघोषित आय इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। जांचकर्ता अब उनके द्वारा भरे गए अन्य वर्षों के रिटर्न्स की भी जांच कर रहे हैं।
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