पुणे: भाजपा चुनाव अभियान समिति के प्रमुख नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता और गरीबी हटाने की नीतियों की जमकर खिल्ली उड़ाई। वहीं यूपीए सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा कानून को भी कोरा कानून करार दिया। पुणे में आम सभा लेने के साथ ही फग्र्यूसन कालेज में छात्रों के बीच पहुंचे मोदी ने यूपीए के भ्रष्टाचार को निशाना बनाया।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने संप्रग सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए आज कहा कि केंद्र यह सोच रहा है कि मात्र विधेयक लाने भर से जररतमंदों तक भोजन पहुंच जाएगा।
खाद्य सुरक्षा कानून पर मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार लोगों को थाली में चपाती की बजाय खाद्य सुरक्षा कानून का कागज दे रही है। लोगों को खाने को नहीं मिल रहा है। इसलिए वह कानून लाई है। इससे मतलब नहीं है कि वह खाने को दे पाएगी या नहीं।
फग्र्यूसन कॉलेज के छात्रों के बीच मोदी ने कहा कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से युवा पीढ़ी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने फेसबुक पर पूछा था कि पुणे में उन्हें क्या कहना चाहिए। लगभग ढाई हजार जवाब आए। इन्हीं जवाबों पर वे बात रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का युवा दुखी है। देश में निराशा की भावना है। देश के पश्चिमीकरण की नहीं बल्कि आधुनिक बनाने की जरूरत है। उन्होंने गुजरात में शिक्षा और अन्य क्षेत्र में उपलब्धियों की चर्चा की।
मोदी ने कहा कि देश की आबादी विश्व में सबसे युवा है। आज के युवाओं के जज्बे को देखते हुए देश का भविष्य अंधकारमय नहीं हो सकता। देश में युवा आबादी 65 फीसदी है। उनको सही दिशा देने की जरूरत है जिससे वह विश्व का निर्माण कर सके। शिक्षा और टूरिज्म के जरिए देश का विकास किया जा सकता है।
मोदी ने कहा कि चीन जीडीपी का 20 फीसदी शिक्षा पर खर्च कर रहा है। भारत में केवल जीडीपी का सात फीसदी शिक्षा पर खर्च होता है जो अब घटकर चार फीसदी रह गया है। वर्ष 2010 तक विश्व की पांच सौ यूनिवर्सिटी में भारत की दो यूनिवर्सिटी शामिल थीं और चीन कहीं नहीं था। लेकिन अब स्थिति बिल्कुल उल्टी है। अब इस सूची में चीन की 32 यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
रुपए में गिरावट, महंगाई, भ्रष्टाचार और पॉलिसी पैरेलिसिस का जिक्र करते हुए मोदी ने अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री को अनर्थशास्त्री बता दिया। कहा कि रुपए की दुर्दशा तब हो रही है जब एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री है
खाद्य सुरक्षा पर बोले- कांग्रेस लोगों को गरीब ही रखना चाहती है। ताकि कांग्रेस शहजादे गरीबों के घर जाएं और महानता दिखा सकें।
कांग्रेस ने 100 दिन के भीतर महंगाई कम करने का वादा किया था। लेकिन दाम बढे ही हैं। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष या किसी ने इसे स्वीकार नहीं किया। यह भी नहीं कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं।
जब भी कांग्रेस संकट में घिरती है तो सेकुलरिज्म का बुर्का ओढ़ लेती है। बंकर में छिप जाती है। चाहे वह भ्रष्टाचार, महंगाई, दुष्कर्म, मंत्री के जेल जाने या अदालतों के निर्देश का मामला हो। वह जवाब नहीं देती। धर्मनिरपेक्षता को खतरा बता देती है। लेकिन लोग जवाब चाहते हैं।
चार दशक पहले कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया लेकिन वादा पूरा नहीं किया। खाद्य सुरक्षा कानून के नाम पर वह लोगों को कागज का टुकड़ा दे रही है। देश की समस्याओं की जड़ में कांग्रेस का वंशवाद है। वंशवाद ने लोगों की आकांक्षाओं को कुचल दिया है।
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