सरकार के दावों की हकीकत : सिर्फ 18000 बेरोजगारों को मिला भत्ता
सरकार चुनावी साल में भले ही युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के नियमों में रियायत की घोषणा करने जा रही हो, लेकिन चार साल में दस हजार पंजीकृत बेरोजगारों को ही नौकरी मिल पाई है। इतना ही नहीं सरकारी रिकार्ड में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या बढ़कर 7 लाख 32 हजार से ऊपर पहुंच गई है। गहलोत सरकार ने प्रदेश में 18 हजार स्नातक युवाओं को ही पात्र मानते हुए करीब 92 लाख रु. बेरोजगारी भत्ता दिया है। वहीं पिछली भाजपा सरकार में एक लाख 36 हजार बेरोजगारों को 6 करोड़ 89 लाख रु. भत्ता दिया गया था।
यह स्थिति प्रदेश के 33 जिलों के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की है। हालांकि यह उल्लेखनीय है कि सभी पढ़े-लिखे युवाओं के रोजगार कार्यालयों में पंजीयन नहीं करवाने से बेरोजगारों की संख्या और रोजगार मिलने के बारे में अधिकृत आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। रोजगार कार्यालय के रिकार्ड के मुताबिक राज्य में सबसे ज्यादा बेरोजगार जयपुर जिले में 90,646 है। सबसे कम बेरोजगार जैसलमेर में 4940 है।
बेरोजगारों की बढ़ती संख्या के लिए सरकार जिम्मेदार
कोटा से भाजपा विधायक ओम बिड़ला ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता देने के नियमों में अब चुनावी साल में रियायत देना युवाओं को झूठा छलावा देने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। झूठे वादों की पोल तो पंजीकृत बेरोजगारों की बढ़ती संख्या ही खोल रही है। राज्य में साढ़े 7 लाख पंजीकृत बेरोजगार हो गए है। सरकार ने जवाब में खुद माना कि चार साल में मात्र दस हजार युवाओं को ही रोजगार दिया है।
वसुंधरा राजे की योजना को बंद कर नए कलेवर में चालू
वसुंधरा राजे सरकार ने राजस्थान स्नातक बेरोजगारी भत्ता योजना (अक्षत योजना 2007) लागू की थी। इसके अंतर्गत पात्र बेरोजगारों को 30 सितंबर 2009 तक आवेदन करने पर सरकार ने बेरोजगारी भत्ता दिया। गहलोत सरकार ने 1 अक्टूबर 2009 से अक्षत योजना -2007 के स्थान पर अक्षत कौशल योजना 2009 चालू की। इसके तहत पात्रता रखने वाले स्नातक बेरोजगार के आवेदन करने पर उसकी स्किल में वृद्धि करने के लिए अक्षत कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राजस्थान बेरोजगारी भत्ता योजना को 1 जुलाई 2012 से फिर से लागू किया गया और अब उसमें एक साल की पंजीयन और एक लाख तक की आय सीमा के प्रावधान को हटाया जा रहा है।
अब चुनावी साल में यह संशोधन : अब रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगार ग्रेजुएट को पंजीयन तिथि से ही 500 रुपए प्रतिमाह भत्ता मिलेगा। विशेष योग्यजन के लिए यह राशि 600 रुपए है। पहले पंजीयन के एक साल बाद और वार्षिक आय एक लाख की शर्त थी। अब वार्षिक आय दो लाख तक वाले पंजीकृत बेरोजगार को भत्ता मिलेगा।
अब चुनावी साल में यह संशोधन : अब रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगार ग्रेजुएट को पंजीयन तिथि से ही 500 रुपए प्रतिमाह भत्ता मिलेगा। विशेष योग्यजन के लिए यह राशि 600 रुपए है। पहले पंजीयन के एक साल बाद और वार्षिक आय एक लाख की शर्त थी। अब वार्षिक आय दो लाख तक वाले पंजीकृत बेरोजगार को भत्ता मिलेगा।
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