एक न्यूज चेनल एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अमेरिका में आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से पूछताछ के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें से इशरत से जुड़ा हिस्सा हटाया गया था।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने फरवरी 2013 में सीबीआई को एक चिट्ठी लिखकर जानकारी दी थी कि हेडली ने बताया था कि अहमदाबाद में एनकाउंटर में मारी गई इशरत लश्कर की एक फिदायीन हमलावर थी।
मुंबई धमाकों के आरोपी हेडली से एनआईए की टीम ने 2010 में 3 से 9 जून के बीच 34 घंटे की पूछताछ की थी। इसके आधार पर एजेंसी ने 119 पेज की रिपोर्ट तैयार थी और इसमें दो पैरा इशरत जहां के बारे में था। हालांकि, जब रिपोर्ट को दूसरी एजेंसियों के साथ शेयर किया गया तो इस हिस्से को हटा दिया गया।
सीबीआई को लिखी चिट्ठी में आईबी ने कहा था, 'लश्कर-ए-तैयबा के एक कमांडर ने हेडली को इशरत के बारे में बताया था। चिट्ठी के मुताबिक, हेडली ने कहा था कि इशरत को लश्कर ने भर्ती किया था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने 25 मई 2010 को जानकारी दी थी कि इशरत और उसके साथी अक्षरधाम मंदिर, सोमनाथ मंदिर और शिरडी के मंदिर को टारगेट बनाने की साजिश रच रहे थे। लेकिन एनआईए ने हेडली की बातों पर भरोसा नहीं किया।'
इशरत जहां एनकाउंटर मामले में केंद्र सरकार का रवैया भी बदलता रहा है। इशरत की मां की सीबीआई जांच की याचिका पर 6 अगस्त 2009 को गृह मंत्रालय ने हलफनामा दिया था कि चारों के आतंकी होने के पुख्ता प्रमाण हैं, इसलिए इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। हालांकि, दो महीने बाद ही तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने नया हलफनामा दाखिल करवाया, जिसमें सीबीआई जांच की सिफारिश की गई।
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