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Sunday, July 14, 2013

पाक में फिर बहाल होगी फांसी की सजा

अनुचर     9:41 AM  No comments



इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बढ़ते अपराधों पर काबू पाने के लिए वहां की नई सरकार ने मौत की सजा पर रोक को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे अमानवीय और पीछे की ओर ले जाने वाला कदम बता रहे हैं।

बढ़ते अपराध परेशान सरकार

पाकिस्तान संकट के दौर से गुजर रहा है। अफगानिस्तान से लगते देश के उत्तर पश्चिमी सीमा पर आतंकवाद फैल रहा है तो बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। आतंकवादी देश के दूसरे हिस्सों में भी आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। अपराध और आतंकवाद पर लगाम कसने की कोशिश में नई सरकार ने मौत की सजा पर लगी रोक को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है। यह रोक 30 जून तक थी।

नरमी के संकेत नहीं

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हामिद खान ने कहा कि प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की सरकार मौत की सजा पाए कैदियों के साथ कोई नरमी नहीं बरतेगी। सिर्फ मानवीय आधार पर सजा माफ किए गए कैदी इसमें शामिल नहीं है। मौत की सजा पर रोक 2008 में पिछली सरकार ने लगाई थी। खान ने अमरीका का हवाला दे कर अपनी सरकार की नीति का बचाव किया। उनका कहना है कि अमरीका बेहतरीन न्यायिक व्यवस्था के लिए जाना जाता है और वहां भी मौत की सजा दी जाती है। 

और विरोध के स्वर भी तेज

मानवाधिकार संगठन सरकार की दलील से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इस बात के कोई सबूत नहीं कि मौत की सजा अपराध या आतंकवाद को रोक सकती है। अंतरराष्ट्रीय संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल का मानना है, जब तक मौत की सजा रहेगी, बेकसूर लोगों को फांसी देने का जोखिम कभी भी खत्म नहीं किया जा सकेगा।

सरकार से अपील
जोहरा यूसुफ पाकिस्तान के गैर सरकारी मानवाधिकार आयोग की प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का फैसला मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की कोशिशों को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने यह भी बताया कि वो इस मामले को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ के पास ले कर गए हैं। पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा लोग फांसी की सजा के इंतजार में हैं। यूरोपीय संघ भी पाकिस्तान पर मौत की सजा खत्म कराने के लिए दबाव बना रहा है।

तालिबान का रमजान पर फरमान
पेशावर. तालिबान ने शनिवार को यहां पर्चे बांटकर पाकिस्तान में रमजान के महीने में कसे और पतले कपड़े पहनने के खिलाफ चेताया है और रोजा नहीं रखने पर एक महीने कैद रखने की चेतावनी दी है। तालिबान के पर्चों में कहा गया कि इस माह पुरूषों और महिलाओं के लिए कसे और पतले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। पर्चे में कहा गया कि रमजान के दौरान अगर कोई रोजा नहीं रखने वाला पाया गया तो उसे एक महीने कैद में रखा जाएगा। पर्चों में दुकानदारों को भी चेतावनी दी गई। 

अनुचर


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