जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सुप्रीमकोर्ट में दायर एक याचिका में कहा है कि सेतुसमुद्रम परियोजना (एसएससीपी) पर खर्च हुए 2000 करोड़ रूपए कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और द्रविड मुनेत्र कषगम द्रमुक के अध्यक्ष एम. करूणानिधि की संपत्तियों से वसूले जाएं।
डा. स्वामी ने विश्व हिन्दू परिषद की तमिलनाडु शाखा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शिरकत करते हुए यह मांग की कि केन्द्र सरकार रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करें।
डा. स्वामी ने कहा कि अभी तक इस परियोजना पर दो हजार करोड़ रूपए खर्च हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने सुप्रीमकोर्ट में दायर याचिका में खर्च हुई राशि की वसूली सोनिया गांधी और करूणानिधि की संपत्तियों से वसूलने की मांग की है।
स्वामी ने कहा कि विहिप और धार्मिक संगठनों के विरोध की वजह से ही केंद्र सरकार सेतु परियोजना लागू करने के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाशने पर सहमत हुई है। ताकि राम सेतु को किसी तरह की क्षति नहीं हो। केंद्र सरकार की गठित विशेषज्ञ समिति ने चेतावनी दी थी कि राम सेतु को किसी भी तरह की हानि पहुंचती है तो वृहद पैमाने पर पर्यावरणीय बर्बादी हो सकती है।
स्वामी ने बताया कि इस मामले की अंतिम सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 28 अगस्त को होगी। केंद्रीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अब कोई भी राम सेतु को नहीं छू सकता। भगवान राम के आशीर्वाद से सेतु पूरी तरह सुरक्षित हो चुका है। उन्होंने भरोसा जताया कि वे सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जीत जाएंगे।
स्वामी ने डीएमके सुप्रीमो एम. करूणानिधि के सेतु समुद्रम परियोजना के समर्थन में आयोजित की आ रही आम सभाओं पर चुटकी ली। जनता पार्टी अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि अब सेतु संरक्षण का मसला नहीं है बस इंतजार है इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का। केंद्र सरकार को इस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए।
प्रदर्शन में विहिप के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार एस. वेदांतम, प्रदेश सचिव आर.आर.गोपालजी और हिन्दू मक्कल कच्ची के प्रदेशाध्यक्ष एस. वी. श्रीधरन समेत डेढ़ सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
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