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अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी के बाद आतंक के कई बड़े आका बेनकाब हो सकते हैं। इस कड़ी में सबसे बड़ा नाम है भारत का नंबर वन मोस्ट वांटेड और मुंबई बम धमाकों का सबसे बड़ा आरोपी दाऊद इब्राहिम का।
अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी से आतंक की दुनिया में उथलपुथल मची है। सीमापार से आतंक और खौफ का ऑपरेशन चलाने वाले दहशत के साए में है। टुंडा के जहन में आतंक के ऐसे तमाम आकाओं की पूरी कहानी जब्त है जिसपर आजतक रहस्य की काली चादर चढ़ी हुई है। इन्हें मालूम है कि टुंडा की जुबान अब एक-एक कर उनके सारे राज फाश कर सकती है। खासकर आतंक के सबसे बड़े आका दाउद इब्राहिम की अब सारी अय्यारी धरी की धरी रह सकती है जिसे उसने पिछले 20 सालों से सुरक्षा एजेंसियों से छिपा के रखा है।
जाहिर तौर पर टुंडा की गिरफ्तारी कई मायनों में अहम है। जैसे-जैसे टुंडा अपना काले कारनामों का काला चिट्ठा सुरक्षा एजेंसियों के सामने खोलेगा। वैसे-वैसे दाऊद सहित देश के बाकी दुश्मनों का काला चिट्ठा भी सारी दुनिया के सामने आ जाएगा।
दो दशक के बाद गिरफ्त में आए लश्कर आतंकी अब्दुल करीब टुंडा की हरियाणा पुलिस को भी तलाश है। 1996 में हरियाणा के कई जगहों पर हुए सीरियल ब्लास्ट में टुंडा आरोपी है। गिरफ्तारी के बाद सोनीपत पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड में लेने की कोशिश में जुट गई है।
1996 में रोहतक, सोनीपत और पानीपत में कई ब्लास्ट हुए थे जिसमें कई लोग घायल हुए थे। सोनीपत के बाबा सिनेमा के बाहर और कुछ देर बार गीता चौक के गुलशन स्वीट्स पर ब्लास्ट हुआ था। दोनों धमाकों में 11 लोग घायल हुए थे।
सोनीपत के लोगों की जेहन में आज भी धमाकों का वो दर्दनाक वाकया है। सीरियल ब्लास्ट से पूरे सोनीपत में दहशत फैल गई थी। सोनीपत धमाकों की जांच में गाजियाबाद के मोहम्मद आलम और आमिर खान को गिरफ्तार किया गया था। दोनों पूछताछ में अब्दुल करीम टुंडा का नाम लिया था। हरियाणा पुलिस टुंडा को ट्रांडिट रिमांड पर लाने की कोशिश में जुट गई है।
भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार टुंडा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टुंडा को 3 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस उससे 1993, 1996 और 1998 के धमाकों के सिलसिले में पूछताछ में जुटी है। टुंडा की गिरफ्तारी से देश के अंदर हुए कई धमाकों की गुत्थी सुलझने की उम्मीद है।
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