
यासीन भटकल दरभंगा को सेफ जोन मानकर मिथिलांचल से लेकर नेपाल तक आइएम का तगड़ा नेटवर्क तैयार किया. 21 फरवरी 2012 को दरभंगा के शिवधारा से साइकिल मिस्त्री मो कफील की गिरफ्तारी से कुछ महीने पहले तक जमालचक में रहा था. बताया जाता है, यासीन चेन सिस्टम के माध्यम ये यहां से नौजवानों से मिलता था. चेतन का अंतिम कड़ी मो कफील था.
21 फरवरी 2012 को मो कफिल की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि यासीन दरभंगा में वर्षो रहा था. फिर 21 जनवरी को लहेरियासराय थाना क्षेत्र के चकजोरा से मो दानिश अंसारी की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ, मिल्लत कॉलेज में समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर के मो तहसीम उर्फ मोनू ने दानिस को यासीन से मुलाकात करायी थी. दानिस ने बताया, मोनू वर्ष 2011 में इंजीनियर बनाने का वादा कर दिल्ली ले गया. वहां, मोनू ने उसकी मुलाकात यासीन भटकल से करायी थी. भटकल ने दानिस का ब्रेन वाश कर आतंकी बनने को कहा था. दानिस के अनुसार मौका पाकर वह दिल्ली से भाग गया. इसके बाद मोनू के साथ यासीन भटकल दानिस के घर पहुंच गया. दानिस संगठन में जुड़ने को कहा.
वर्षो से भटक रही थीं सुरक्षा एजेंसियां
सीमा क्षेत्र में बढ़ रही भारत विरोधी ताकतों की हरकतें
वाराणसी धमाकों का भी है वांछित
समस्तीपुर पहुंची थी एनआइए की टीम
समस्तीपुर:मुंबई ब्लास्ट के बाद 28 दिसंबर, 2012 को पहली बार एनआइए की टीम मोनू व भटकल की तलाश में समस्तीपुर पहुंची. दिल्ली से पकड़े गये एक आतंकी के साथ एनआइए की टीम धर्मपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में पहुंच कर जायजा लिया. कई लोगों से पूछताछ भी की थी.
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