रुपये की कमजोरी ने सरकार को एक बार फिर विपक्षी दलों के निशाने पर ला खड़ा किया है. बीजेपी नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि अब अर्थव्यवस्था को बचाने का एक ही रास्ता बचा है कि समय रहते चुनाव करा लिए जाएं.
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'मैं कई दिनों से बिना राजनीति से प्रेरित हुए यह कह रहा हूं कि सरकार ने अर्थव्यवस्था से नियंत्रण खो दिया है. अब एक ही उपाय बचा है कि सरकार चुनाव कराए.'
सिन्हा ने यह भी कहा कि यह हालत किसी और देश में होती तो लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर होते और सरकार से कहते कि तुम अब जाओ, अब चुनाव होगा. उन्होंने कहा, 'रुपया आज 68 पर है, कल कहां जाएगा, परसों कहां जाएगा, कहना मुश्किल है.'
सबसे बड़ा है डॉलर: नकवी
लुढ़कते रुपये पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बड़े ही काव्यात्मक अंदाज में चुटकी ली. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'डॉलर की डोली पर रुपये की रुखसती पर कांग्रेस जश्न मना रही है.' उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, 'बाप, बड़ा न भैया, सबसे बड़ा है डॉलर'...यह है भारत निर्माण.'
गौरतलब है कि बुधवार को कमजोरी का नया रिकॉर्ड बनाते हुए रुपया डॉलर के मुकाबले 69 के करीब पहुंच गया. फूड बिल पारित होते ही उससे होने वाले राजकोषीय खर्च के बोझ तले शेयर बाजार भी दब गया. 462 अंकों की गिरावट के साथ सेंसेक्स 17,505 के आंकड़े पर पहुंच गया. इतना ही नहीं,. दस ग्राम सोने की कीमत भी 34,420 रुपये तक पहुंच गई
बकवास कर रहे हैं चिदंबरम: CPI
सीपीआई नेता गुरुदास दास गुप्ता ने भी तीखे शब्दों में सरकार पर नाराजगी जताई. उन्होंने यहां तक कह डाला कि चिदंबरम बकवास कर रहे हैं. सीपीआई नेता ने कहा, 'रुपया गिर रहा है, अभी और गिरेगा. लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही. सिर्फ बकवास कर रही है. सदन में भी चिदंबरम ने बकवास की. अब कोई इनवेस्टमेंट नहीं होगा और पूरी दुनिया को पता चल जाएगा कि हमारे यहां कैसे आर्थिक हालात हैं. मुनाफाबाजी करने वाले लोग दाम को आगे बढ़ाएंगे.'
क्या सोना गिरवी रखेगी सरकार!
इससे पहले मंगलवार को बदहाल इकोनॉमी को सही रास्ते पर लाने के लिए सरकार ने सोना गिरवी रखने के संकेत दिए थे. वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा था, 'हमारे पास 31000 टन सोना है. अगर हम 500 टन सोने को गिरवी रखकर नकद उगाहने की कोशिश करते हैं तो चालू खाता घाटे का निपटारा हो सकता है. यह एक सुझाव मात्र है. 2009 में भी हमने ऐसा किया था.'
क्या कहते हैं विशेषज्ञ:
आकाश जिंदल: अगर वक्त रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो देश अब तक की सबसे बड़ी मंदी में प्रवेश कर सकता है.
सुनील शाह: यह गिरावट आने वाले दिनों में भारी महंगाई ला सकती है.
राकेश बंसल: गिरावट अभी और गहरा सकती है. इस वक्त तो आईटी सेक्टर में भी मुनाफावसूली करके बाहर बैठना ही ठीक है.
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'मैं कई दिनों से बिना राजनीति से प्रेरित हुए यह कह रहा हूं कि सरकार ने अर्थव्यवस्था से नियंत्रण खो दिया है. अब एक ही उपाय बचा है कि सरकार चुनाव कराए.'
सिन्हा ने यह भी कहा कि यह हालत किसी और देश में होती तो लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर होते और सरकार से कहते कि तुम अब जाओ, अब चुनाव होगा. उन्होंने कहा, 'रुपया आज 68 पर है, कल कहां जाएगा, परसों कहां जाएगा, कहना मुश्किल है.'
सबसे बड़ा है डॉलर: नकवी
लुढ़कते रुपये पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बड़े ही काव्यात्मक अंदाज में चुटकी ली. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'डॉलर की डोली पर रुपये की रुखसती पर कांग्रेस जश्न मना रही है.' उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, 'बाप, बड़ा न भैया, सबसे बड़ा है डॉलर'...यह है भारत निर्माण.'
गौरतलब है कि बुधवार को कमजोरी का नया रिकॉर्ड बनाते हुए रुपया डॉलर के मुकाबले 69 के करीब पहुंच गया. फूड बिल पारित होते ही उससे होने वाले राजकोषीय खर्च के बोझ तले शेयर बाजार भी दब गया. 462 अंकों की गिरावट के साथ सेंसेक्स 17,505 के आंकड़े पर पहुंच गया. इतना ही नहीं,. दस ग्राम सोने की कीमत भी 34,420 रुपये तक पहुंच गई
बकवास कर रहे हैं चिदंबरम: CPI
सीपीआई नेता गुरुदास दास गुप्ता ने भी तीखे शब्दों में सरकार पर नाराजगी जताई. उन्होंने यहां तक कह डाला कि चिदंबरम बकवास कर रहे हैं. सीपीआई नेता ने कहा, 'रुपया गिर रहा है, अभी और गिरेगा. लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही. सिर्फ बकवास कर रही है. सदन में भी चिदंबरम ने बकवास की. अब कोई इनवेस्टमेंट नहीं होगा और पूरी दुनिया को पता चल जाएगा कि हमारे यहां कैसे आर्थिक हालात हैं. मुनाफाबाजी करने वाले लोग दाम को आगे बढ़ाएंगे.'
क्या सोना गिरवी रखेगी सरकार!
इससे पहले मंगलवार को बदहाल इकोनॉमी को सही रास्ते पर लाने के लिए सरकार ने सोना गिरवी रखने के संकेत दिए थे. वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा था, 'हमारे पास 31000 टन सोना है. अगर हम 500 टन सोने को गिरवी रखकर नकद उगाहने की कोशिश करते हैं तो चालू खाता घाटे का निपटारा हो सकता है. यह एक सुझाव मात्र है. 2009 में भी हमने ऐसा किया था.'
क्या कहते हैं विशेषज्ञ:
आकाश जिंदल: अगर वक्त रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो देश अब तक की सबसे बड़ी मंदी में प्रवेश कर सकता है.
सुनील शाह: यह गिरावट आने वाले दिनों में भारी महंगाई ला सकती है.
राकेश बंसल: गिरावट अभी और गहरा सकती है. इस वक्त तो आईटी सेक्टर में भी मुनाफावसूली करके बाहर बैठना ही ठीक है.
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