दुनिया के सबसे प्रमुख धर्मो में से एक हिंदू धर्म के विश्वकोश का अगले हफ्ते साउथ कैरोलिना में लोकार्पण होगा। स्वामी चिदानंद द्वारा स्थापित इंडियन हेरिटेज रिसर्च फाउंडेशन इस विश्वकोश का जनक है।
25 वर्षो के अकादमिक प्रयासों से तैयार ग्यारह खंडों वाले इस कोश में हिंदू आध्यात्मिक मतों, परंपराओं और दर्शन का विस्तृत वर्णन है। यह अंग्रेजी में है। हिंदुवाद और इसके अनुशीलन से संबंधित इसमें करीब 7000 लेख हैं। इसमें भारतीय इतिहास, भाषाएं, कला, संगीत, नृत्य, वास्तुकला, औषधि और महिलाओं के मुद्दे की भी विस्तार से चर्चा है। इस पूरे इनसाइक्लोपीडिया में एक हजार से अधिक चित्र हैं।
हिंदू देवी देवताओं के चमचमाते रंगीन चित्रों से पूरे पेज भरे पड़े हैं। इन सबके नीचे देवताओं के रूप और उनकी शक्ति का वर्णन है। इस परियोजना से जुड़े साउथ कैरोलिना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हाल फ्रेंच ने कहते हैं कि इसका मकसद कुछ अच्छा एवं स्पष्ट तैयार करना था। यह केवल हिंदुवाद ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई परंपराओं के बारे में है। फ्रेंच पहली बाद वर्ष 1987 में विद्वानों के एक ऐसे समूह से मिले थे जिसने इस परियोजना के लिए शैक्षिक सहयोग देने का प्रस्ताव दिया था। उनका कहना है यह शोध एक मील का पत्थर है जिसने पूर्वी और पश्चिमी पांडित्य को एक साथ लाया।
इसके प्रत्येक खंड में 600 से 700 पृष्ठ हैं। पहले संस्करण में इसकी करीब तीन हजार प्रतियां प्रकाशित की जा रही हैं। हिंदू धर्म विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है और दुनिया भर में करीब एक अरब लोग इसे मानते हैं। इस विश्वकोष की प्रबंध संपादक और इंडियन हेरिटेज रिसर्च फाउंडेशन की सचिव साध्वी भगवती सरस्वती कहती हैं कि दुनिया के विभिन्न भागों में रहने वाले हिंदू अपने बच्चों के लिए धर्म के बारे में विस्तार पूर्ण जानकारी का स्रोत चाहते हैं। उनके लिए यह बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
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