किश्तवाद मे कर्फ़्यू |
नई दिल्ली: किश्तवाड़ हिंसा की गूंज आज संसद में भी सुनाई दी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को रविवार को किश्तवाड़ जाने से रोके जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार की आलोचना की और हिंसा को लेकर उमर अब्दुल्ला सरकार पर निशाना साधा। । हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। हालांकि इस बीच, राज्यसभा में वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा सरकार सदन में किश्तवाड़ के मुद्दे पर जवाब देने के लिए तैयार है और उसके बाद कोई भी सदस्य इस पर बोल सकता है। लेकिन उप सभापति पीजे कुरियन ने उन्हें बार-बार यह कहकर रोक दिया कि पहले अरुण जेटली को बोलने की अनुमित दी गई है।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ झड़प की न्यायिक जांच के आदेश दिए है। उमर ने घोषणा की है कि उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस जांच का नेतृत्व करेंगे और समय सीमा के अंदर जांच पूरी होगी।
जम्मू-कश्मीर के गृहमंत्री सज्जाद अहमद किचलू पर कथित रूप से आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने कई घंटें तक कार्रवाई नहीं की और हिंसा को भड़कने दिया। अरुण जेटली ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, छह-सात घंटों तक हिंसा क्यों होती रही? किसी न किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी। राज्य के गृहमंत्री वहां क्या कर रहे थे? कलेक्टर और एसएसपी क्या कर रहे थे? जेटली ने सवाल किया कि हालात पर काबू पाने के लिए सेना बुलाने में देरी क्यों गई?
राज्यसभा में बीजेपी के वेंकैया नायडू ने कहा कि किश्तवाड़ में जो कुछ हुआ, वह चिंताजनक है। नायडू ने कहा कि जेटली किश्तवाड़ में हुई हिंसा पर एक बयान देना चाहते हैं। इसी बीच, तेदेपा सदस्य पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध करते हुए पोस्टर लेकर आसन के समक्ष आ गए। वाम दलों के सदस्य भी केरल के सौर पैनल घोटाला का मुद्दा उठाते हुए पोस्टर लेकर आसन के समक्ष जा पहुंचे। सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन में पोस्टर न दिखाने को कहा। उन्होंने सदन में विपक्ष अरुण जेटली को बोलने के लिए कहा, लेकिन हंगामे के कारण जेटली अपनी बात नहीं रख पाए।
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