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सुशील मोदी |
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उस समय भाजपा से माफी मांगनी होगी, जब भाजपा के राष्ट्रीय नेता नरेन्द्र मोदी पीएम पद पर आसीन होंगे। नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के सामने मुख्यमंत्री का हर दंभ चकनाचूर हो जाएगा। सूबे की जनता खुद नीतीश को सबक सिखाएगी। मंगलवार को सुशील मोदी की यह प्रतिक्रिया नीतीश के उस बयान पर थी, जिसमें उन्होंने भाजपा को माफी मांग मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता दिया था।
कांवरिया पथ का निरीक्षण के दौरान शंभूंगज, इंगलिश मोड़ व समुखिया मोड़ में जनसभा को संबोधित करने के बाद सुशील मोदी शाम में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव में बिहार में अबकी मुकाबला भाजपा बनाम राजद के बीच होगा। जदयू-कांग्रेस की मिट्टी पलीत हो जाएगी। भाजपा से नाता तोड़ नीतीश सरकार अपंग हो चुकी है। सत्रह साल का नाता तोड़ नीतीश ने उस कांग्रेस से गठजोड़ किया है, जिनकी देन मंहगाई, भ्रष्टाचार व घोटाला से आम जन त्रस्त हैं।
बोले मोदी, नीतीश सरकार चलाने के बजाय बचाने में परेशान हैं। कांवरिया पथ पर सुविधाएं वैसी नहीं है, जैसी पिछली साल तक हुआ करती थी। पथ पर जो बालू दिया गया है, उसमें कंकड़ ज्यादा है, जिससे पैर में छाले पड़ रहे हैं। स्वास्थ्य व पेयजल की सुविधाएं नदारद हैं। सात साल पहले उन्होंने महत्वपूर्ण मेला के सफल आयोजन के लिए मेला विकास प्राधिकार का गठन किया था। अबकी श्रावणी मेला से पूर्व इस प्राधिकार की बैठक तक नहीं हुई। नौकरशाहों के भरोसे सरकार चल रही है। आज पूरे सूबे में सूखे की भयावह स्थिति है। खेत में बिचड़े जल रहे हैं और किसानों के आंखों में आंसू भरा है। परंतु सरकार को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है। जबकि 2010 में इससे थोड़ी अधिक वृष्टि होने पर भी उन लोगों ने सूबे को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए केन्द्र से लड़कर सहायता ली थी। परंतु मुख्यमंत्री अबकी प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने को भी तैयार नहीं हैं। बिजली देने की घोषणा कर दी गयी, लेकिन बिहार में बिजली है ही नहीं। सूबे में पांच सौ मेगावाट अतिरिक्त बिजली की जरुरत है, लेकिन सरकार निश्चिंत बैठी है। डीजल अनुदान की प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी गयी है कि किसानों को इसका लाभ मिलना मुश्किल है। जबकि सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित होने से किसानों को कर्ज माफी का भी लाभ मिलता। मानदेय पर बहाल शिक्षकों के सवाल पर उन्होंने कहा, नियोजन के समय ही उन्होंने मानदेय दोगुनी करने का प्रस्ताव सीएम के समक्ष रखा था। यह बात भी कहा था कि इन शिक्षकों का मानदेय आदेशपाल से भी कम हो गया है। परंतु सीएम उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं हुए।
पत्रकार सम्मेलन पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल के आवास पर आयोजित की गई थी। इस मौके पर पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल, प्रदेश क्रीड़ा मंच के महामंत्री मनोज यादव, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, पूर्व विधायक फल्गुनी यादव, भागलपुर उप महापौर प्रीति शेखर, प्रदेश मंत्री बिंदू मिश्रा, जिला प्रभारी लालमोहन गुप्ता सहित काफी संख्या में भाजपा के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
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