सत्तर तक जा सकता है रुपया: ड्यूश बैंक
तीस प्रमुख शेयरों पर आधारित सूचकांक 340.13 अंक (1.86 फीसद) की गिरावट के साथ 17,905.91 अंक पर बंद हुआ। पिछले करीब एक साल में यह पहला मौका है जब सूचकांक 18,000 से नीचे आया है। सूचकांक में कारोबार की अच्छी शुरुआत हुई और यह 321 अंक चढ़कर 18,567.70 पर पहुंच गया। लेकिन बाद में यह स्तर बरकरार नहीं रह पाया। एक समय यह लुढ़ककर 17,807.19 अंक तक चला गया था। पिछले चार दिनों में सूचकांक 1461.13 अंक नीचे आ चुका है। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 98.90 अंक (1.83 फीसद) की गिरावट के साथ 5,302.55 अंक पर बंद हुआ।
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रुपए में गिरावट का सिलसिला जारी है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले यह 64.45 के सर्वकालिक निम्न स्तर को छू गया। बाद में इसमें कुछ सुधार आया मगर फिर भी यह 86 पैसे की गिरावट दर्शाता हुआ 64.11 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
वहीं ब्रिटिश पाउंड के मुकाबले यह 101 रुपए प्रति पाउंड तक लुढ़क गया। रुपए की विनिमय दर में गिरावट जारी रहने का असर बुधवार को फिर बाजार पर पड़ा। बंबई शेयर बाजार का सूचकांक 340 अंक की गिरावट के साथ करीब एक साल के निम्न स्तर पर बंद हुआ। शेयर बाजारों में पिछले चार दिन से जारी गिरावट से निवेशकों को 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो चुका है। उधर ड्यूश बैंक ने एक अनुसंधान पत्र में कहा कि भारतीय रुपया महीने भर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिर कर 70 के स्तर पर पहुंच सकता है।
विदेशों में डालर में मजबूती के साथ स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच बैंकों और आयातकों की सतत डॉलर मांग के कारण गिरावट को और बल मिला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 63.45 रुपए प्रति डॉलर पर कमजोर खुला जो मंगलवार को 63.25 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान दोपहर पौने तीन बजे यह लुढ़कता हुआ 64.45 रुपए प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निम्न स्तर को छू गया। कारोबार के दौरान इसमें 63.10 और 64.45 रुपए प्रति डॉलर के दायरे में उतार चढ़ाव आया। ब्रिटिश पाउंड के मुकाबले भी रुपया बुधवार को और गिर कर कारोबार के दौरान 101 तक पहुंच गया। रुपया मंगलवार को पाउंड के साथ कारोबार के दौरान 100 से नीचे गिरने के बाद 99.04 के स्तर पर बंद हुआ था।
हालांकि बुधवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अपराह्न के कारोबार के दौरान ब्रिटिश पाउंड के मुकाबले 101.2 के स्तर तक लुढक गया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को 8,000 करोड़ रुपए के बांड पुनर्खरीद सहित नकदी नरम करने के कई उपायों की घोषणा की थी ताकि अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को पर्याप्त ऋण प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके।
रुपए की विनिमय दर में गिरावट जारी रहने का असर बुधवार को भी बाजार पर पड़ा।बंबई शेयर बाजार का सूचकांक 340 अंक की गिरावट के साथ करीब एक साल के निम्न स्तर पर बंद हुआ।
एमसीएक्स-एसएक्स का प्रमुख सूचकांक एक्स-40 211.32 अंक (1.95 फीसद) की गिरावट के साथ 10,618.44 अंक पर बंद हुआ।
कारोबारियों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से नकदी प्रवाह बढ़ाने का कार्यक्रम शीघ्र वापस लिए जाने की आशंका के बीच रुपए में फिर गिरावट हुई जिसका असर शेयर बाजार पर पड़ा। शेयर बाजारों में पिछले चार दिन से जारी गिरावट से निवेशकों को 100 अरब डालर से अधिक का नुकसान हो चुका है। सिर्फ बुधवार के कारोबार में ही उन्हें एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
सभी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के रूप में निवेशकों की संपत्ति मंगलवार के मुकाबले 1,09,000 करोड़ रुपए घटकर 58,60,000 करोड़ रुपए रह गया। उधर ड्यूश बैंक ने एक अनुसंधान पत्र में कहा है कि भारतीय रुपया महीने भर में अमेरिकी डालर के मुकाबले गिर कर 70 के स्तर पर पहुंच सकता है। जर्मनी के प्रमुख बैंक की इस रपट में कहा गया है,‘मूल रूप से रुपए का मूल्य कम है और इस इस समय यह संतुलन स्तर से बहुत दूर चला गया है।’ बैंक ने कहा,‘गहरी निराशा के माहौल में मुद्राओं में भारी गिरावट हो सकती है और ऐसा लंबे समय तक हो सकता है। हमें आशंका है कि भारत ऐसे दायरे में प्रवेश कर रहा है।’ ड्यूश बैंक ने कहा,‘हमारा मानना है कि रुपया महीने भर में 70 के स्तर पर पहुंच सकता है हालांकि हमें उम्मीद है कि साल के अंत तक इसमें कुछ सुधार होगा।’
(भाषा)
(भाषा)
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