सीमा पर पाक हमले में मारे गए पांच जवानों में से एक, शहीद प्रेमनाथ का अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह छपरा में हो गया। इसके अलावा मनेर में शहीद विजय का भी अंतिम संस्कार कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा, लेकिन प्रेमनाथ के अंतिम संस्कार में बिहार सरकार का एक भी मंत्री नहीं पहुंचा। विज्ञान मंत्री गौतम सिंह भी नहीं, जो छपरा के ही हैं और बुधवार दिन को छपरा में ही थे।
इससे पहले चार जवानों के शव बुधवार देर शाम पटना एयरपोर्ट पर उतारे गए। उस समय भी एयरपोर्ट पर राज्य सरकार का कोई मंत्री या जदयू का नेता नहीं आया था। शहीद जवानों को लेकर इस बेरुखी पर लोगों में नाराजगी है। एयरपोर्ट पर मौजूद भाजपा नेताओं ने इसे राज्य सरकार और जदयू नेताओं की संवेदनहीनता बताया है।
पटना एयरपोर्ट पर शहीदों के शव बुधवार रात दस बजे पहुंचे। वहां सरकार के किसी मंत्री की गैरमौजूदगी को लेकर रात 11 बजे जब एबीपी न्यूज के प्रतिनिधि ने बिहार सरकार में दो-दो विभाग संभालने वाले मंत्री भीम सिंह के पीए से बात की तो पीए ने कहा कि मंत्री जी सो गए हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यहां (एयरपोर्ट पर) तो पूरे राज्य के लोगों को आना चाहिए था।
इससे पहले बिहटा के शहीद विजय कुमार राय की पत्नी पुष्पा देवी को सांत्वना देने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी उनके गांव अनंदपुर ठेकहा पहुंचे। पुष्पा देवी ने उनसे कहा कि हमें सरकार से मुआवजा नहीं, पाक की नापाक हरकत का करारा जवाब चाहिए। तब ही हमारे कलेजे को ठंडक पहुंचेगी।
छपरा में प्रेमनाथ सिंह और रघुनंदन प्रसाद की मौत पर ग्रामीणों में आक्रोश है। लोगों ने भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई की मांग करते हुए कोपा स्टेशन पर हंगामा किया और ट्रेनों को रोक दिया। प्रेमनाथ सिंह के गांव के लोग केंद्र से शीघ्र पाक को जवाब देने, कोपा सम्हौता स्टेशन का नाम प्रेमनाथ सिंह के नाम पर करने और उसकी याद में एक स्टेडियम का निर्माण कराने की मांग कर रहे हैं।
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