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Monday, August 5, 2013

हिस्ट्रीशीटर की फाइल खोलते ही एसपी का तबादला, विरोध में सड़क पर उतरे लोग

Yugal     8:25 AM  No comments

एसपी पंकज चौधरी
जैसलमेर एसपी पंकज चौधरी के तबादले को लेकर बवाल हो गया है। कांग्रेस विधायक सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने के 48 घंटे के भीतर हुए चौधरी के तबादले के पीछे सरकार पर राजनीतिक दबाव का आरोप लग रहा है।
पंकज चौधरी ने रविवार को कहा कि ट्रांसफर सरकार की पॉलिसी का हिस्सा है। हालांकि ट्रांसफर को  हिस्ट्रीशीट खोलने से जोड़ कर भी देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिस्ट्रीशीट री-ओपन नहीं करने का दबाव था, लेकिन उन्होंने नियमानुसार कार्य किया है।
उधर ट्रांसफर के विरोध में रविवार को जैसलमेर बंद रहा। विरोध-प्रदर्शन हुआ। एसपी पंकज ने 31 जुलाई को हिस्ट्रीशीट खोली थी। सरकार ने 2 अगस्त को उन्हें जैसलमेर से हटाकर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल किशनगढ़ में कमांडेंट लगा दिया था।
भाजपा भी एसपी के समर्थन में खुलकर उतर आई। मामले की गूंज जयपुर तक रही। प्रदर्शनकारियों ने एसपी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जिले में अपराध पर लगाम कसने के लिए हरसंभव प्रयास किए। पिछले पांच माह में जैसलमेर की कानून-व्यवस्था बेहतर हो गई है। शहर भर में यही चर्चा का विषय रहा कि क्या एसपी ने हिस्ट्रीशीट खोलकर गलत किया है। उधर, तबादले के विरोध में व्यापार मंडल ने सोमवार को सांकड़ा गांव में बंद का आह्वान किया है।

चौधरी के पक्ष में दूसरी बार बंद

 कुछ दिन पहले राजनीतिक दबाव में चौधरी के तबादले की आशंका को लेकर भी शहरवासियों ने जैसलमेर बंद रखा था।
चौधरी की 23 मार्च 2013 को जैसलमेर एसपी के पद पर पहली पोस्टिंग हुई थी। इसके दो माह बाद ही उनका फकीर परिवार से विवाद शुरू हो गया। वाराणासी निवासी पंकज 2009 बैच के आईपीएस हैं। वे इससे पहले घाटोल में एएसपी और राजस्थान पुलिस अकादमी में एसपी रह चुके हैं।

जनता की नजर में चौधरी इसलिए बेहतर एसपी
ऑपरेशन वेलकम शुरू किया। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए शहर में लपकों की धरपकड़ की गई। पिछले चार माह में 50 लपकों व 100 गाडिय़ां जब्त।
पांच माह में 700 से अधिक शराबी पकड़े। रात में 8 बजे के बाद शराब की दुकानें बंद कराने व उत्पात मचाने वाले शराबियों को पकडऩे के लिए स्पेशल टीम का गठन। 2011 में पूरे साल में महज 147 शराबी और 2012 में 250 शराबी ही पकड़े गए थे।
 ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू करने के लिए बेहतर प्रयास।
टाइगर रिजर्व फोर्स का गठन किया। सीमावर्ती जिला होने के चलते यहां तस्करों व अराष्ट्रीय गतिविधियों पर पुलिस की पैनी नजर रही। यह फोर्स ऐसे तत्वों की निगरानी कर रही है।
परिवादियों की सुविधा के लिए लगातार जनसुनवाई और एसपी ऑफिस के बाहर शिकायत पेटी रखी गई। शिकायत मिलते ही उस पर तुरंत कार्रवाई की व्यवस्था।
पुलिसकर्मियों में सकारात्मक सोच के लिए उन्हें नशे से दूर रहने के निर्देश। खेल गतिविधियों को बढ़ावा और श्रमदान, पुलिस थानों में परिवादियों के लिए बेहतर व्यवस्था आदि की गई।

फकीर परिवार कई बार करवा चुका है कलेक्टर-एसपी का तबादला
गाजी फकीर व उनके बेटों की राजनीति में अच्छी पकड़ के चलते वे कई बार एसपी व कलेक्टर का तबादला करवा चुके हैं। 1990 में तत्कालीन एसपी सुधीर प्रताप सिंह का 28 दिन के भीतर ही ट्रासंफर करा दिया गया था। उन्होंने गाजी फकीर की 1984 में गायब हुई हिस्ट्रीशीट को 1990 में दोबारा खुलवा दिया था।

आरोप है कि इससे पहले कलेक्टर रहे गिरिराजसिंह कुशवाहा व एम.पी स्वामी, जिला परिषद के सीईओ के तबादले में भी इनकी मुख्य भूमिका रही। इसके अलावा कई अन्य छोटे-बड़े अधिकारियों के तबादले में इनका हाथ रहा है।

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