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Wednesday, September 18, 2013

मुजफ्फरनगर दंगा: आजम ने पुलिस से कहा था- जो भी हो रहा है होने दो

अनुचर     9:40 AM  No comments

मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा तो शांत हो गई, मगर इसे लेकर अब चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। भले ही यूपी सरकार दंगे भड़काने का दोष विपक्षी पार्टियों पर मढ़ रही हो, मगर एक स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं के प्रेशर की वजह से ही हालात और खराब हुए थे। हिंसा ग्रस्त इलाके में तैनात रहे अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कवाल में हुई शुरुआती हिंसा के बाद डबल मर्डर के 7 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया था, मगर लखनऊ से आजम #### नाम के नेता के फोन के बाद उन लोगों को छोड़ना पड़ा था।

'जो हो रहा है, होने दो'
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दावों के उलट दंगों के दौरान सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने पुलिस के काम में रोड़े अटकाए और कई थानों से पकड़े गए संदिग्ध लोगों को छुड़ाने का काम किया। जिस वक्त दंगे जारी थे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार ने पुलिस और प्रशासन के ऑफिसरों को काम करने की पूरी छूट दी है और किसी तरह का दवाब नहीं है। मगर न्यूज चैनल आज तक ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए खुलासा किया है कि फुगाना थाने पर लखनऊ से आजम #### नाम के नेता ने फोन कर कहा था कि जो हो रहा है होने दो।

'आरोपियों को छोड़ दो'
आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में जानसठ के सर्कल ऑफिसर जे. आर. जोशी को कैमरे पर कहते हुए दिखाया गया है कि 'ऊपर' के दबाव में सात-आठ संदिग्ध लोगों को छोड़ना पड़ा। जोशी ने बताया, 'ऊपर से नेता ने कहा, इनके खिलाफ एफआईआर किसी ने नहीं कराई है, इसलिए इन्हें छोड़ दो, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि ये लोग हिंसा में शामिल थे।' जानसठ के एसडीएम आर.सी. त्रिपाठी ने भी सियासी दखल स्वीकार करते हुए कहा, नेता राजनीतिक फायदे के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

हथियार नहीं कर रहे थे काम
फुगाना थाने के सेकंड ऑफिसर आर.एस. भगौर छिपे हुए कैमरे से रेकॉर्ड किए गए विडियो में यह स्वीकार करते दिखे कि आजम #### नाम के नेता ने फोन कर कोई हस्तक्षेप नहीं करने को कहा था। भगौर ने यह भी कहा कि दंगाइयों के मुकाबले फोर्स काफी कम थी, कई हथियार मौके पर नहीं चले, बड़े अफसरों से संपर्क नहीं हो पाया और सुरक्षा बल देरी से पहुंचे। फुगाना सर्वाधिक दंगा प्रभावित इलाकों में से एक है। यहां 8 सितंबर को सोलह हत्याएं हुई थीं।

...तो नहीं भड़कता दंगा
एसएचओ मीरापुर ने कहा कि डीएम और एसएसपी को समाजवादी पार्टी नेता ने हटवाया, जबकि वे दोनों अच्छा काम कर रहे थे। एसएचओ भोपा समरपाल ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा कि कवाल कांड के बाद डीएम-एसएसपी का तबादला गलत हुआ। अगर वे तीन-चार दिन तक और यहां पर तैनात रहते तो दंगा होता ही नहीं।

पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
जिस वक्त न्यूज चैनल पर स्टिंग ऑपरेशन टेलिकास्ट हो रहा था, एक-एक करके ऑफिसर्स को लाइन हाजिर किया जा रहा था। सबसे पहले फुगाना के एसओ आर.एस. भगौर लाइन हाजिर किए गए। इस स्टिंग ऑपरेशन में एसओ भगौर, सीओ जोशी और एसडीएम त्रिपाठी के अलावा एसपी क्राइम कल्पना सक्सेना, एसएचओ भोपा समरपाल सिंह, एसओ शाहपुर सत्यप्रकाश सिंह, एसएचओ मीरापुर एके गौतम और बुढ़ाना से हटाए गए इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह भी नजर आए थे।

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अनुचर


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