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Wednesday, September 18, 2013

बांग्लादेश के जमात नेता को 'सजा ए मौत'

अनुचर     9:53 AM  No comments

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी के नेता अब्दुल कादर मुल्ला को फांसी की सजा सुनाई है। जमात नेता मुल्ला को पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के लिए यह सजा सुनाई, हालांकि कादर ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्हें इस साल फरवरी में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सर्वोच्च अदालत ने उनकी उम्रकैद की सजा को बढ़ाकर फांसी की सजा में बदल दिया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 1971 के युद्ध में 30 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई थी। 
विरोध की लहर : अब्दुल कादर मुल्ला पर चले मुकदमे के खिलाफ देश में विरोध की लहर पैदा हो गई थी। उनके समर्थकों ने आरोप लगाया था कि सरकार पुश्तैनी झगड़े को आगे बढ़ा रही है। इस साल फरवरी में बांग्लादेश के एक युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने मुल्ला को हत्या समते छह में से पांच आरोपों में दोषी ठहराया था। उन पर जो आरोप लगाए गए थे, उनमें ढाका के मीरपुर में हुआ नरसंहार भी शामिल है। इसके पीछे मुल्ला का हाथ बताया गया था। यहां तक की लोग मुल्ला को कसाई नाम से भी बुलाने लगे थे। बचाव पक्ष के वकील ताजुल इस्लाम ने कहा कि वह फैसला सुनकर दंग रह गए। उन्होंने कहा, दक्षिण एशिया के न्यायिक इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया है। बांग्लादेश की वर्तमान सरकार ने इस विशेष अदालत का गठन 2010 में किया था। इसका मकसद पूर्वी बंगाल को अलग देश बनाने के लिए 1971 में हुए मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान की मदद करने वालों लोगों पर मुकदमा चलाना था। 

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