पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली कराची को विश्व का सबसे खतरनाक शहर बताया गया है। यहां प्रत्येक एक लाख निवासियों पर हत्या की दर 12.3 है। अमेरिकी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी की रिपोर्ट के मुताबिक कराची में तालिबान की मौजूदगी बढ़ रही है जो कि अपराध और तस्करी का रैकेट चलाता है।
पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी भाग में पिछले एक दशक से जारी आतंकी गतिविधियों के कारण लाखों लोग बसने के लिए कराची आ गए हैं, लेकिन काम की तलाश में यहां आने वाले प्रवासियों की बड़ी संख्या ने शहर की स्थिति को खराब बना दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कारण कराची सबसे खतरनाक शहर बन गया है। यहां अन्य बड़े शहरों की तुलना में हत्या की दर करीब 25 प्रतिशत अधिक है। 2000 से 2010 के बीच कराची की आबादी 80 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। जितनी रफ्तार से कराची की आबादी बढ़ी है उतनी आबादी न्यूयॉर्क की भी नहीं है।
पिछले चार वर्षो में कराची में अल्पसंख्यक शिया समुदायों के जुलूसों और मस्जिदों पर सुन्नियों द्वारा हमले किए जाते रहे हैं। इससे यहां जातीय संघर्ष की स्थिति बन जाती है। इसके अलावा राजनीतिक दलों से जुड़े गैंग जबरन वसूली और जमीन पर कब्जा करने के धंधे में लगे हुए हैं। हाल में पाकिस्तानी तालिबान आतंकियों ने शहर में पकड़ मजबूत कर ली है। वे आपराधिक और तस्करी संबंधी रैकेट चलाते हैं और बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम देते हैं। पत्रिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 में मुंबई में जहां 202 हत्याएं हुई, वहीं कराची में 1723 हत्याएं हुई। जबकि 2012 में यहां 2000 से अधिक हत्याएं हुई।
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