उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. रविवार को हुई हिंसा की ताजा घटनाओं में 14 लोगों के मरने के साथ ही शनिवार से लेकर रविवार रात तक झड़पों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है. प्रशासन और एडीजी अरुण कुमार ने इन सभी मौतों की पुष्टि कर दी है. कई जगहों पर दूसरे दिन भी आगजनी और फायरिंग की घटनाएं हुई. अब तक 52 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
उपद्रवियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा बागपत के बरोट थाना क्षेत्र के वाजिदपुर गांव में भड़की हिंसा में एक व्यक्ति मारा गया और चार घायल हो गए. मुजफ्फरनगर के आसपास के जिलों में भी तनाव फैलता देख वहां सेना को तैनात किया जा रहा है. शामली में सेना का एक कॉलम भेजा जा चुका है और दूसरी ओर मेरठ में सेना ने फ्लैग मार्च किया.

इसी थाना क्षेत्र के सौरम गांव में दो गुटों के लोग आमने-सामने आ गए. वहां काफी देर तक फायरिंग होती रही. गोली लगने से ग्रामीण सुखपाल घायल हो गया. बहावडी गांव में भी उपद्रवियों ने खूनी खेल खेला. हथियारों से लैस उग्र भीड़ ने धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ की. कई मकानों पर बोतल, पेट्रोल बम से हमला किया गया. मकानों से आग की लपटें उठने लगीं. लोग खेतों की तरफ भागे. उग्र भीड़ ने उन पर गोलियां बरसाई. इस हिंसा में भी तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए. सूचना पाकर पुलिस एवं प्रशासनिक आला अफसरों के साथ ही सेना का अमला वहां पहुंचा. सेना के जवानों ने रेसक्यू अभियान चलाकर 100 से ज्यादा लोगों को वहां से सकुशल निकाला और बाद में पुलिस ने उन्हें उनके सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया.
दिन के करीब सवा दो बजे एडीजी (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार हेलीकाप्टर से यहां पुलिस लाइन में पहुंचे. उन्होंने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया. बाद में उन्होंने हालात पर काबू पाने की कार्ययोजना को लेकर अधीनस्थों के साथ बैठक की. इन वारदात के अलावा कूकडा, मोहम्मदपुर, पुरबालियान, जौहरा, पिन्ना, खेडकी, खडौली, सांदत सहित अन्य कई गांवों में भी तोड़फोड़, मारपीट और फायरिंग की जानकारी मिली है.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि बुढ़ाना सर्किल में हुई हिंसा के बाद नई मंडी क्षेत्र में तैनात सेना के एक कालम के जवानों को यहां से हटाकर बुढ़ाना क्षेत्र में मुस्तैद किया गया है. शनिवार को भड़की हिंसा में अलग-अलग स्थानों पर हुई हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें छापार में हुई हिंसा के शिकार व्यक्ति का शव रविवार सुबह जिला मुख्यालय पहुंचा.
रविवार को लॉक गांव में भी उपद्रवियों ने हिंसा की. इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई. खरड गांव में भी उग्र भीड़ ने कई मकानों पर धावा बोल दिया. यहां हुई हिंसा में भी एक शख्स की मौत हो गई. उन्होंने अभी तक की हिंसा में 26 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की. जिलाधिकारी का कहना है कि हालात पर काबू पाने में किसी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाएगी. असामाजिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. साथ ही उन्होंने लोगों से सयंम बरतने, हालात सामान्य बाने में प्रशासन का सहयोग देने के साथ ही अफवाहों से बचाने का आग्रह भी किया है.
सोशल नेटवर्किग से फैल रही अफवाहें
आईजी एसटीएफ आशीष गुप्त ने कहा कि सोशल नेटवर्किग साइट्स फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप व बल्क एसएमएस के जरिये अफवाहें फैलायी जा रही हैं. हाल ही में मुजफ्फरनगर की घटना को लेकर जो वीडियो प्रचारित किया जा रहा है वह दो साल पहले यू ट्टूब पर डाला गया था जो संभवत: किसी दूसरे मुल्क में हुई किसी घटना से संबंधित है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी वीडियो को मुजफ्फरनगर की घटना के साथ जोड़ कर न देखें. साथ ही एसएमएस के जरिए फैलायी जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने मुजफ्फरनगर में अखबारों के वितरण व केबल टीवी के प्रसारण पर रोक से इनकार करते हुए कहा कि कर्फ्यू पास जारी न हो पाने की वजह से अखबार वितरित नहीं हो सके. रविवार को हॉकरों को पास वितरित कर दिये जाएंगे.
एडीजी पहुंचे मुजफ्फरनगर, चार आईजी चार जिलों को रवाना
अधिकारियों ने बताया कि एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार मुजफ्फरनगर पहुंच चुके हैं और स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा चार आईजी स्तर के अधिकारियों को पश्चिमी उप्र के जिलों की ओर रवाना किया गया है. एटीएस के आईजी राजीव सब्बरवाल को मुजफ्फरनगर, अभय प्रसाद सिंह को शामली, आईजी लोक शिकायत जय नारायन सिंह को बागपत व आईजी रूल्स एंड मैनुअल चन्द्रप्रकाश को सहारनपुर भेजा गया है. इसके अलावा तीन एसपी अमित पाठक, राजूबाबू सिंह व विजय भूषण को भी मुजफ्फरनगर भेजा गया है. डीजीपी मुख्यालय ने इसके अलावा 18 एएसपी, 23 डिप्टी एसपी, 119 इंस्पेक्टर व तीन सौ आरक्षी भी वहां तैनात किए हैं.
छावनी में तब्दील हुआ मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. छह कालम सेना की तैनाती के अलावा वहां 19 कंपनी पीएसी, आठ कंपनी आरएएफ, 19 कंपनी सीआरपीएफ, चार कंपनी आईटीबीपी व छह कंपनी एसएसबी तैनात की जा चुकी है. इससे पहले 13 कंपनी अर्धसैनिक बल वहां भेजा जा चुका है. हर थानाक्षेत्र में दो कंपनी सुरक्षा बल तैनात है. इसके अलावा जगह-जगह पुलिस पिकेट्स लगाने का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है. रात तक वहां पर पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा.
केन्द्र से मांगा 50 कंपनी अर्धसैनिक बल
सचिव गृह कमल सक्सेना ने बताया कि मुजफ्फरनगर के हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने केन्द्र से 50 कंपनी अर्धसैनिक बल की मांग की थी. पहले 22 कंपनी और बाद में 28 अतिरिक्त कंपनियां देने का अनुरोध शासन की ओर से किया गया था. उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से सुरक्षा बल मांगे जाने के दौरान उन्हें हालात के बारे में विस्तृत जानकारी भेजी गयी थी.
सेना कर रही लोगों की मदद
अधिकारियों ने बताया कि सेना ने अपना काम शुरू कर दिया है और वह दंगाईयों के बीच फंसे लोगों को निकालने में जुट गयी है. रविवार को मुजफ्फरनगर के एक गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना ने उपद्रवियों पर फायरिंग की और लोगों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. इसके अलावा आमजन भी लोगों की मदद कर रहे है. दूसरे समुदाय के लोगों को बचाने के प्रयासों के बारे में भी सूचनाएं मिल रही हैं.
उपद्रवियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा बागपत के बरोट थाना क्षेत्र के वाजिदपुर गांव में भड़की हिंसा में एक व्यक्ति मारा गया और चार घायल हो गए. मुजफ्फरनगर के आसपास के जिलों में भी तनाव फैलता देख वहां सेना को तैनात किया जा रहा है. शामली में सेना का एक कॉलम भेजा जा चुका है और दूसरी ओर मेरठ में सेना ने फ्लैग मार्च किया.
सेना की तैनाती के बाद भी मुजफ्फरनगर जनपद में हिंसा नहीं थम रही है. रविवार को कई गांवों में उपद्रवियों ने धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की, मकानों में आगजनी और फायरिंग की. बहावडी गांव में उपद्रवियों ने बोतल पेट्रोल बम का इस्तेमाल भी किया. सेना के जवानों और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर जैसे-तैसे हालात पर काबू पाया. दो गांवों में उग्र भीड़ से घिरे 200 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया.
रविवार को ताजा हिंसा में 14 लोगों की मौत हो गई. हिंसा की ये वारदातें पांच थानाक्षेत्रों सिसौली, शाहपुर, फुगाना, भवराकलां व कलापार में हुई. हिंसा की इन वारदातों में जबकि 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. शनिवार को हिंसा के दौरान शाहपुर में घायल हुई महिला ने मेरठ मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. हालात पर काबू पाने के लिए जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं.
लखनऊ से पहुंचे एडीजी (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने भी भी यहां डेरा डाल लिया है. उन्होंने हिंसाग्रस्त गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया. एडीजी अरुण कुमार ने कहा कि अफसरों के साथ मंथन कर हालात सामान्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. शनिवार को जनपद में भड़की हिंसा में हालात बेकाबू होने पर सेना को बुलाना पड़ा था. सेना के आठ कालम में से तीन कालम के जवानों को महानगर के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में और खतौली-मंसूरपुर, जानसठ-मीरापुर, भौराकलां, चरथावल और बुढ़ाना क्षेत्रों में एक-एक सेना के कालम के जवानों को मुस्तैद किया गया है.
पुलिस महानिरीक्षक बृजभूषण शर्मा व डीआईजी डीसी मिश्रा, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक अफसर शनिवार पूरी रात जागकर हालात पर काबू पाने की जद्दोजहद में रहे. इस बीच फिर से हिंसा शुरू हो गई. शाहपुर थाना क्षेत्र के कुटबा कुटबी गांव में उग्र भीड़ ने दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ कर दी. ये लोग तबल, तमंचों और लाठी-डंडों से लैस थे. उपद्रवियों ने कई मकानों पर हल्ला बोल दिया. उग्र भीड़ ने गोलियां चलाई और कई मकानों में आगजनी भी की. मकानों से निकलकर लोग खेतों की तरफ भागे. तब भीड़ ने पीछा कर उन पर गोलियां बरसाई. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए. इसी बीच वहां पहुंचे सेना के जवानों ने 100 से ज्यादा लोगों को वाहनों से थाने भिजवाया जिन्हें बाद में उनके रिश्तेदारों के यहां रवाना कराया गया. थाने पहुंचे लोगों का कहना था कि उनके सात परिजन फिलहाल लापता हैं.


दिन के करीब सवा दो बजे एडीजी (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार हेलीकाप्टर से यहां पुलिस लाइन में पहुंचे. उन्होंने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया. बाद में उन्होंने हालात पर काबू पाने की कार्ययोजना को लेकर अधीनस्थों के साथ बैठक की. इन वारदात के अलावा कूकडा, मोहम्मदपुर, पुरबालियान, जौहरा, पिन्ना, खेडकी, खडौली, सांदत सहित अन्य कई गांवों में भी तोड़फोड़, मारपीट और फायरिंग की जानकारी मिली है.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि बुढ़ाना सर्किल में हुई हिंसा के बाद नई मंडी क्षेत्र में तैनात सेना के एक कालम के जवानों को यहां से हटाकर बुढ़ाना क्षेत्र में मुस्तैद किया गया है. शनिवार को भड़की हिंसा में अलग-अलग स्थानों पर हुई हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें छापार में हुई हिंसा के शिकार व्यक्ति का शव रविवार सुबह जिला मुख्यालय पहुंचा.
रविवार को लॉक गांव में भी उपद्रवियों ने हिंसा की. इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई. खरड गांव में भी उग्र भीड़ ने कई मकानों पर धावा बोल दिया. यहां हुई हिंसा में भी एक शख्स की मौत हो गई. उन्होंने अभी तक की हिंसा में 26 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की. जिलाधिकारी का कहना है कि हालात पर काबू पाने में किसी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाएगी. असामाजिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. साथ ही उन्होंने लोगों से सयंम बरतने, हालात सामान्य बाने में प्रशासन का सहयोग देने के साथ ही अफवाहों से बचाने का आग्रह भी किया है.
सोशल नेटवर्किग से फैल रही अफवाहें
आईजी एसटीएफ आशीष गुप्त ने कहा कि सोशल नेटवर्किग साइट्स फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप व बल्क एसएमएस के जरिये अफवाहें फैलायी जा रही हैं. हाल ही में मुजफ्फरनगर की घटना को लेकर जो वीडियो प्रचारित किया जा रहा है वह दो साल पहले यू ट्टूब पर डाला गया था जो संभवत: किसी दूसरे मुल्क में हुई किसी घटना से संबंधित है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी वीडियो को मुजफ्फरनगर की घटना के साथ जोड़ कर न देखें. साथ ही एसएमएस के जरिए फैलायी जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने मुजफ्फरनगर में अखबारों के वितरण व केबल टीवी के प्रसारण पर रोक से इनकार करते हुए कहा कि कर्फ्यू पास जारी न हो पाने की वजह से अखबार वितरित नहीं हो सके. रविवार को हॉकरों को पास वितरित कर दिये जाएंगे.
एडीजी पहुंचे मुजफ्फरनगर, चार आईजी चार जिलों को रवाना
अधिकारियों ने बताया कि एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार मुजफ्फरनगर पहुंच चुके हैं और स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा चार आईजी स्तर के अधिकारियों को पश्चिमी उप्र के जिलों की ओर रवाना किया गया है. एटीएस के आईजी राजीव सब्बरवाल को मुजफ्फरनगर, अभय प्रसाद सिंह को शामली, आईजी लोक शिकायत जय नारायन सिंह को बागपत व आईजी रूल्स एंड मैनुअल चन्द्रप्रकाश को सहारनपुर भेजा गया है. इसके अलावा तीन एसपी अमित पाठक, राजूबाबू सिंह व विजय भूषण को भी मुजफ्फरनगर भेजा गया है. डीजीपी मुख्यालय ने इसके अलावा 18 एएसपी, 23 डिप्टी एसपी, 119 इंस्पेक्टर व तीन सौ आरक्षी भी वहां तैनात किए हैं.
छावनी में तब्दील हुआ मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. छह कालम सेना की तैनाती के अलावा वहां 19 कंपनी पीएसी, आठ कंपनी आरएएफ, 19 कंपनी सीआरपीएफ, चार कंपनी आईटीबीपी व छह कंपनी एसएसबी तैनात की जा चुकी है. इससे पहले 13 कंपनी अर्धसैनिक बल वहां भेजा जा चुका है. हर थानाक्षेत्र में दो कंपनी सुरक्षा बल तैनात है. इसके अलावा जगह-जगह पुलिस पिकेट्स लगाने का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है. रात तक वहां पर पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा.
केन्द्र से मांगा 50 कंपनी अर्धसैनिक बल
सचिव गृह कमल सक्सेना ने बताया कि मुजफ्फरनगर के हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने केन्द्र से 50 कंपनी अर्धसैनिक बल की मांग की थी. पहले 22 कंपनी और बाद में 28 अतिरिक्त कंपनियां देने का अनुरोध शासन की ओर से किया गया था. उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से सुरक्षा बल मांगे जाने के दौरान उन्हें हालात के बारे में विस्तृत जानकारी भेजी गयी थी.
सेना कर रही लोगों की मदद
अधिकारियों ने बताया कि सेना ने अपना काम शुरू कर दिया है और वह दंगाईयों के बीच फंसे लोगों को निकालने में जुट गयी है. रविवार को मुजफ्फरनगर के एक गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना ने उपद्रवियों पर फायरिंग की और लोगों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. इसके अलावा आमजन भी लोगों की मदद कर रहे है. दूसरे समुदाय के लोगों को बचाने के प्रयासों के बारे में भी सूचनाएं मिल रही हैं.
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