रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अमरीका से कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र के सामने इस बात के सबूत पेश करे कि रसायनिक हमले के लिए सीरियाई सरकार ही ज़िम्मेदार है.
पुतिन ने कहा कि रासायनिक हमले करके विपक्षियों को भड़काने का कदम उठाना सीरिया की सरकार के लिए बड़ी बेवकूफ़ी होता, वो भी तब जब सीरियाई सेना विरोधियों को ख़िलाफ़ बढ़त हासिल कर रही थी.
पत्रकारों से बातचीत में पुतिन ने कहा, "अमरीका दावा करता है कि सीरिया की सरकार ने रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है और उनके पास सबूत हैं. उन्हें ये सबूत संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षकों और सुरक्षा परिषद के समक्ष पेश करने चाहिए. सबूतों को ख़ुफ़िया बताकर पेश न करना अंतरराष्ट्रीय गतिविधी में शामिल सहयोगियों के प्रति असम्मान हैं. अगर उनके पास सबूत हैं तो वे पेश किए जाने चाहिए. यदि ये सबूत सामने नहीं आते हैं तो हम यही मानेंगे कि कोई सबूत है ही नहीं."
इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि ख़ुफ़िया रिपोर्टों के आधार पर वे सीरिया के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.
राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षकों के दल के सीरिया छोड़ने के बाद आया है.
गौरतलब है राजधानी दमिश्क के नज़दीक हुए रसायनिक हमले में बच्चों समैत सैंकड़ों लोग मारे गए थे. अमरीका का मानना है कि इस रासायनिक हमले के पीछे सीरिया की सरकार है.
दमिश्क से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक सीरिया की सेना अपने हथियारों की स्थिति में बदलाव कर रही है. हमले की संभावना के मद्देनज़र हथियारों को रिहायशी इलाक़ों में ले जाया जा रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक मस्जिदों और स्कूलों में भी हथियार रखे जा रहे हैं.
हमले की संभावना से दमिश्क के शहरी चिंतित हैं. नागरिक खाने के सामान का भंडारण कर रहे हैं. भारी तादाद में लोग देश भी छोड़ रहे हैं. वही सीरिया की सरकार का कहना है कि वह किसी भी हमले से देश की रक्षा करेगी.
भारतीय नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह
भारत ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने और सीरिया न जाने की सलाह दी है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरउद्दीन ने एक बयान में कहा, "हम दमिश्क में अपने दूतावास से संपर्क में है जो वहाँ मौजूद 25-30 भारतीयों के संपर्क में हैं. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं. इससे पहले हमने सीरिया में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को भारत लौटने की सलाह दी थी. एक बार फिर उन्हें वापस भारत लौटने की सलाह दी जाती है. भारतीय नागरिकों को सीरिया न जाने संबंधी सलाह अब भी प्रभाव में है."
जाँच दल ने सीरिया छोड़ा
दमिश्क के पास पिछले दिनों रासायनिक हमले से जुड़े आरोपों की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों ने सीरिया छोड़ दिया है. 21 अगस्त को दमिश्क के नज़दीक हुए रसायनिक हमले की चार दिन तक जाँच करने के बाद निरीक्षण दल लेबनान चला गया है.
सीरिया में सैन्य कार्रवाई की बढ़ती संभावनाओं के बीच संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों की जाँच को बेहद अहम माना जा रहा है.
दमिश्क से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक सीरिया की सेना अपने हथियारों की स्थिति में बदलाव कर रही है. हमले की संभावना के मद्देनज़र हथियारों को रिहायशी इलाक़ों में ले जाया जा रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक मस्जिदों और स्कूलों में भी हथियार रखे जा रहे हैं.
हमले की संभावना से दमिश्क के शहरी चिंतित हैं. नागरिक खाने के सामान का भंडारण कर रहे हैं. भारी तादाद में लोग देश भी छोड़ रहे हैं. वही सीरिया की सरकार का कहना है कि वह किसी भी हमले से देश की रक्षा करेगी.
भारतीय नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह
भारत ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने और सीरिया न जाने की सलाह दी है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरउद्दीन ने एक बयान में कहा, "हम दमिश्क में अपने दूतावास से संपर्क में है जो वहाँ मौजूद 25-30 भारतीयों के संपर्क में हैं. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं. इससे पहले हमने सीरिया में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को भारत लौटने की सलाह दी थी. एक बार फिर उन्हें वापस भारत लौटने की सलाह दी जाती है. भारतीय नागरिकों को सीरिया न जाने संबंधी सलाह अब भी प्रभाव में है."
जाँच दल ने सीरिया छोड़ा
दमिश्क के पास पिछले दिनों रासायनिक हमले से जुड़े आरोपों की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों ने सीरिया छोड़ दिया है. 21 अगस्त को दमिश्क के नज़दीक हुए रसायनिक हमले की चार दिन तक जाँच करने के बाद निरीक्षण दल लेबनान चला गया है.
सीरिया में सैन्य कार्रवाई की बढ़ती संभावनाओं के बीच संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों की जाँच को बेहद अहम माना जा रहा है.
पिछले हफ्ते दमिश्क के पास रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल के बाद सीरिया पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के अनुसार इस हमले में 1429 लोग मारे गए.
कैरी ने कहा कि मरने वालों में 426 बच्चे भी शामिल थे. उन्होंने इन हमलों को एक ऐसा खौफ़ बताया है जो समझ से परे है.
संसद से सलाह
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार ने इन हमलों से इनकार किया है और रासायनिक हमलों के लिए विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया है.
राष्ट्रपति ओबामा ने सीरिया को लेकर कहा कि इस बारे में अगले कदम पर अमरीकी सरकार को संसद से सलाह लेनी चाहिए.
वहीं तुर्की के प्रधानमंत्री रचेप तयैप एर्दोआन ने कहा है कि सीरिया में किसी भी तरह के हस्तक्षेप का मकसद राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाना होना चाहिए.
हमले के पर्याप्त साक्ष्य
कैरी का कहना था कि अमरीका के पास इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि दमिश्क में रासायनिक हमले किए गए और हमलों में 1429 लोगों की मौत हुई.
"उन्होंने कहा कि असद सरकार ने इन हमलों की तैयारी तीन दिन पहले ही कर ली थी.
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