मौत के 45 साल बाद हुआ शहीद हवलदार जगमाल का अंतिम संस्कार
![]() |
शहीद हवलदार जगमाल सिंह |
रेवाड़ी के गांव मीरपुर में बुधवार को शहीद हवलदार जगमाल सिंह का 45 वर्ष बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया.
उनकी अंतिम यात्रा गांव की गलियों व मार्गों से होती हुई समाधि स्थल पहुंची, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी गई. इससे पूर्व हरियाणा पुलिस व ईएमई रेजीमेंट के जवानों ने शहीद को शस्त्र झुकाकर अंतिम सलामी दी.
बुधवार को दिन में सेना द्वारा जैसे ही शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया गया तो जगमाल सिंह अमर रहे के नारों से आकाश गुंजायमान हो गया.
गौरतलब है कि मीरपुर निवासी जगमाल सिंह सन् 1948 में बायज कंपनी में भर्ती हुए थे तथा बाद में सिकंदराबाद स्थित ईएमई सेंटर में सेना के लिए उनका चयन हो गया था. इनकी मृत्यु 45 वर्ष पहले रोहतांग दर्रे के ऊपर जिला लाहौल स्पीति स्थित चन्द्रभागा पर्वत श्रृंखला में ढाका ग्लेशियर पर एएन-12 विमान दुघर्टना में हो गई थी, जिसमें 98 जवान सवार थे.
हादसे में किसी का शव नहीं मिला था. दस वर्ष पूर्व 2003 में पर्वतारोही दल ने पहली बार ग्लेशियर पर विमान का मलबा देखा, जिसके बाद सर्च अभियान चलाया गया. इसमें 16 अगस्त 2013 को शहीद जगमाल का शव ग्लेशियर में मिल गया.
हिसार स्थित सेना के नायब सूबेदार सोमवीर सिंह ने गत 30 अगस्त को जगमाल का शव मिलने के बारे में उनके बेटे रामचंद को अधिकृत सूचना दी थी. सूचना मिले के बाद परिजन पिछले कुछ दिनों से शव मिलने का इंतजार कर रहे थे. अंतिम संस्कार के मौके पर प्रशासन के कई आलाधिकारी मौजूद थे.
0 comments :
Thanks for comment. Please keep visit chokanna.com