उनके बेटों की मौत ने कथित तौर पर मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा की चिंगारी भड़काई और चार दिन में 40 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
लेकिन इन तीनों परिवारों का कहना है कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका व्यक्तिगत हादसा इतनी मौतों का कारण बन जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 27 अगस्त को कवाल गांव में मारे गए तीन युवकों में से एक सचिन तलियां के पिता बिशन सिंह ने कहा, "अगर प्रशासन इजाजत दे, तो हम बाहर निकलकर लोगों से यह अध्याय समाप्त करने की अपील कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "हम सिर्फ यह चाहते हैं कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन हमने हादसे के बाद आयोजित बैठकों में कभी हिस्सा नहीं लिया।"
गौरव कुमार के पिता रविंदर सिंह ने कहा, "हम नहीं चाहते कि हमारे बेटों की हत्या को सियासी मुद्दा बनाए जाए, हालांकि नेताओं ने हमसे मुलाकात की है। मौजूदा हिंसा के बीच मेरे बेटे का मामला ठंडे बस्ते में जा सकता है। हम चाहते हैं कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करे।"
मलीपुरा गांव का रहने वाला गौरव 12वीं में पढ़ता था और अपनी दो चचेरी बहनों के साथ स्कूल से घर जा रहा था, जब 22 वर्षीय शाहनवाज ने कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
शाहनवाज के साथ बहस के बाद गौरव वहां से चला गया, लेकिन सचिन और कुछ लड़कों के साथ दोबारा वहीं पहुंचा। इस समूह ने शाहनवाज पर चाकूओं से हमला किया। इस गांव के कुछ लोगों ने शाहनवाज को अस्पताल पहुंचा, जबकि अन्य ने सचिन और गौरव को मारा। बाद में शाहनवाज की अस्पताल में मौत हो गई।
लेकिन इन तीनों परिवारों का कहना है कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका व्यक्तिगत हादसा इतनी मौतों का कारण बन जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 27 अगस्त को कवाल गांव में मारे गए तीन युवकों में से एक सचिन तलियां के पिता बिशन सिंह ने कहा, "अगर प्रशासन इजाजत दे, तो हम बाहर निकलकर लोगों से यह अध्याय समाप्त करने की अपील कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "हम सिर्फ यह चाहते हैं कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन हमने हादसे के बाद आयोजित बैठकों में कभी हिस्सा नहीं लिया।"
गौरव कुमार के पिता रविंदर सिंह ने कहा, "हम नहीं चाहते कि हमारे बेटों की हत्या को सियासी मुद्दा बनाए जाए, हालांकि नेताओं ने हमसे मुलाकात की है। मौजूदा हिंसा के बीच मेरे बेटे का मामला ठंडे बस्ते में जा सकता है। हम चाहते हैं कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करे।"
मलीपुरा गांव का रहने वाला गौरव 12वीं में पढ़ता था और अपनी दो चचेरी बहनों के साथ स्कूल से घर जा रहा था, जब 22 वर्षीय शाहनवाज ने कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
शाहनवाज के साथ बहस के बाद गौरव वहां से चला गया, लेकिन सचिन और कुछ लड़कों के साथ दोबारा वहीं पहुंचा। इस समूह ने शाहनवाज पर चाकूओं से हमला किया। इस गांव के कुछ लोगों ने शाहनवाज को अस्पताल पहुंचा, जबकि अन्य ने सचिन और गौरव को मारा। बाद में शाहनवाज की अस्पताल में मौत हो गई।
0 comments :
Thanks for comment. Please keep visit chokanna.com