दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए आम आदमी पार्टी को अभी चंद ही रोज गुजरे हैं, लेकिन आप में बगावत के सुर बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली के लक्ष्मीनगर सीट के विधायक विनोद कुमार बिन्नी एक बार फिर पार्टी से बगावत को उतारू हो गए हैं। बुधवार को उन्होंने केजरीवाल को झूठा करार देते हुए कहा है कि पार्टी अपने मुद्दों से भटक गई है। आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली के टिकट पहले ही तय किए जा चुके हैं तो फिर उम्मीदवारों से फॉर्म क्यों भरवाए जा रहे हैं और यह ड्रामा क्यों किया जा रहा है। उधर, केजरीवाल अब खुलकर बिन्नी के विरोध में सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बिन्नी पहले मंत्री बनाने की जिद पर अड़े थे और अब लोकसभा का टिकट मांग रहे हैं।
बताया जा रहा है कि जब से सरकार बनाने का फैसला हुआ तब से ही बिन्नी का नाम मंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहा था। लेकिन जब नाम तय हुआ तो बिन्नी लिस्ट से गायब हो गए। उस वक्त भी बिन्नी ने बगावती तेवर दिखाए थे और प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करने की धमकी दी थी। लेकिन उस वक्त अरविंद केजरीवाल ने उन्हें मना लिया था। अब फिर से बुधवार को बिन्नी ने बगावती तेवर दिखाए हैं। उन्होंने बुधवार को पार्टी के खिलाफ खुलकर हमला बोला और केजरीवाल को झूठा तक ठहरा दिया। यह कोई पहला मौका नहीं है जब केजरीवाल का झूठ पब्लिक के सामने आया हो।अरविंद केजरीवाल ने भले ही चुनाव से पहले किए कई वादों को पूरा किया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि उनके द्वारा किया गया हर दावा सच्चाई के मापदंड पर खरा उतरता हो। आज चौकन्ना खबरी आपको बता रहा है केजरीवाल के पांच ऐसे झूठ जो उनके दावों को खोखला साबित करते हैं।
पहला झूठ- जनलोकपाल बिल
केजरीवाल का दावाः सरकार बनने के 15 दिनों में जनलोकपाल बिल पास कराने का दावा कर चुके केजरीवाल ने बाद में यह कहकर मामला टाल दिया कि केंद्र सरकार ने एक निर्देश जारी किया है जिसकी वजह से जनलोकपाल बिल अभी पास नहीं हो सकता क्योंकि केंद्र से इजाजत लेनी पड़ती है।
सच क्या है; यह पत्र अभी नहीं, काफी पहले ही जारी हो चुका था। इस बात की जानकारी केजरीवाल को भी चुनाव से पहले थी, लेकिन उन्होंने जनता के सामने नहीं रखा।
दूसरा झूठ- सुरक्षा नहीं लेंगे
केजरीवालः चुनाव से पहले केजरीवाल ने ने कहा था वह या उनका कोई मंत्री लालबत्ती की गाड़ी और सुरक्षा नहीं लेगा। यहां तक सीएम का पदभार ग्रहण करने के बाद भी उन्होंने सुरक्षा लेने से इनकार किया था।
सच क्या हैः सुरक्षा ठुकराने के बावजूद केजरीवाल के साथ एक इंस्पेक्टर हर वक्त केजरीवाल के साथ रहता है। बीजेपी ने इस इंस्पेक्टर का नाम भी जारी किया था।
तीसरा झूठ- बिन्नी की बगावत पर
केजरीवाल: पहली बार जब बिन्नी ने बगावती तेवर दिखाए थे तो केजरीवाल ने कहा था (सरकार में मंत्री न बनाए जाने पर) लक्ष्मी नगर से विधायक बिन्नी को कोई शिकायत नहीं है, उन्होंने कोई मंत्रिपद नहीं मांगा है। वह बस मिलने आए थे।
सच क्या हैः अरविंद केजरीवाल ने अब खुद इस बात को मीडिया के सामने रखा है कि बिन्नी पहले मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन अब लोकसभा के लिए टिकट मांग रहे हैं।
चौथा झूठ- कमिश्नर था, पैसा कमा सकता था
केजरीवालः चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान केजरीवाल ने कई बार एक बात पर जोर दिया था। वह थी 'मैं इनकम टैक्स कमिश्नर था, खूब पैसे कमा सकता था'। लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहते। उन्हें देश से भ्रष्टाचार मिटाना है न कि उसे बढ़ाना।
सच क्या हैः IRS असोसिएशन ने केजरीवाल के इस बयान के बाद कहा था कि अरविंद केजरीवाल कभी कमिश्नर नहीं रहे। वे दिल्ली में ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर रहे हैं।
पांचवा झूठ- शीला के खिलाफ सबूत थाने में दिए
केजरीवालः दिल्ली में हुए लोकपाल आंदोलन के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि उन्होंने कॉमनवेल्थ घोटाले में 370 पेज का सबूत बाबा रामदेव जी के नेतृत्व में थाने में दे दिया है।
सच क्या हैः केजरीवाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही शीला सरकार के दागी मंत्रियों पर कार्रवाई की बात तो कही, लेकिन बाद में कहा अगर किसी के पास शीला दीक्षित के खिलाफ सबूत हैं तो उपलब्ध करवाएं, हम कार्रवाई करेंगे।
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