केरल के एक प्राइवेट स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम में वंदे मातरम नहीं बजने दिया गया। इतना ही नहीं एक डांस से नमस्ते की मुद्रा को भी हटा दिया गया।बताया जा रहा है कि एक राजनीतिक व मुस्लिम संगठन के दबाव में ऐसा किया गया है।
संगठन का कहना है कि वंदे मातरम के संगीत और कार्यक्रम के दौरान नमस्ते की मुद्रा से मुसलमानो की भावनाएं आहत हो रही थीं। हालांकि, स्कूल ने दबाव की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि बच्चों को ज्यादा कठिनाई न हो इसलिए कार्यक्रम को बदला गया। इस बीच इस कदम पर विरोध भी शुरू हो गया है और स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
कोल्लम के टीकेएम स्कूल ने इंडिपेंडेंस डे पर छात्र-छात्राओं के डांस के दौरान बैकग्राउंड में वंदे मातरम बजाने की योजना बनाई थी। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन ने इसे हटाकर ऑकेस्ट्रा को शामिल कर लिया। इसके अलावा एक डांस के दौरान नमस्ते की मुद्रा भी थी, लेकिन उसे भी हटा दिया गया।
मुस्लिम संगठन को वंदे मातरम के शब्दों पर आपत्ति थी। संगठन का तर्क था कि गीत के बोल एक मुसलमानो के धार्मिक विश्वास के विरूद्ध हैं। इस बारे में उसने स्कूल में काफी हंगामा भी मचाया। संगठन के नेता एके सलाहुद्दीन ने कहा कि कई अभिभावकों की शिकायत थी कि वंदे मातरम और नमस्ते करना उनके धार्मिक मूल्यों के खिलाफ है। इसके बाद ही हमने स्कूल प्रबंधन से बात की थी। हमने सिर्फ स्कूल से अनुरोध किया वे मुसलमानों की भावनाओं का आदर करे।
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