श्रीगंगानगर
सिपाही पद के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा देने आए एक युवक ने बुधवार को सबको चौंका दिया। एक घंटे में दस किलोमीटर रेस पूरी करनी थी लेकिन उसने तो करीब 33 मिनट में ही अपना काम पूरा कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस के आला अफसरों ने दौड़ को जारी रखने का इशारा किया तो चार मिनट में वह डेढ़ किमी और दौड़ गया। अफसरों ने उसकी प्रतिभा देखकर सेल्फी भी ली, मगर नौकरी का वादा फिर भी न कर सके। हनुमानगढ़ जिले के किशनुपरा उत्तरादा निवासी संदीप आचार्य ने महाराजा गंगासिंह खेल मैदान के चार सौ मीटर के एक घेरे के रेस कोर्ट पर भागना शुरू किया तो सबको पीछे ही छोड़ता चला गया। शेष युवकों ने जो काम एक घंटे की मेहनत से पूरा किया उससे ज्यादा काम उसने 37 वें मिनट में ही पूरा कर दिया।
मजदूर है परिवार
संदीप ने बताया कि उसका परिवार मजदूरी करता है। वह किसी तरह प्राइवेट परीक्षाएं देकर गे्रज्युएशन कर सका है। पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए उसने निजी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया है। दौड़ की अपनी विलक्षण प्रतिभा से अनजान संदीप का कहना है कि उसने कभी किसी से ट्रेनिंग नहीं ली। दोस्तों के साथ खेलते-खेलते ही इसमें निखार आया है। वह बताता है कि इससे पहले दो बार आर्मी भर्ती के दौरान भी वह इसी तरह का कारनामा कर अफसरों से एक्सीलेंट का खिताब तो हासिल कर चुका है, मगर नौकरी फिर भी नहीं मिली। 24 साल का संदीप बताता है कि दौड़ स्पर्धा का एक भी पुरस्कार उसके पास इसलिए नहीं है क्योंकि कभी उसे स्कूल में नियमित पढ़ाई का मौका ही नहीं मिला। सारी परीक्षाएं स्वपाठी के रूप में ही दीं।
राष्ट्रीय रिकार्ड के करीब
उल्लेखनीय है कि 10 किमी दौड़ का राष्ट्रीय रिकार्ड 12 जुलाई 2008 में धावक सुरेंद्र सिंह ने बनाया था। उन्होंने यह दूरी 28.2 मिनट में पूरी की थी। बिना किसी प्रशिक्षण के करीब 33 मिनट में दस किमी की दौड़ पूरी करने वाले संदीप आचार्य को भी अगर तराशा जाए तो कई संभव है कि कई नए कीर्तिमान बन जाएं।
नहीं देखा ऐसा धावक
मैंने दर्जनों भर्तियां देखी हैं, लेकिन ऐसा धावक आज तक नहीं देखा। वास्तव में यह लड़का हवा से बातें करता है। - गिरधारी लाल शर्मा, आईजी, बीकानेर रेंज
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