1 अक्टूबर से बीएसएनएल ब्रोड्बेंड न्यूनतम 2 एमबीपीएस की गति से मिलेगा। पहले यह न्यूनतम 512 केबीपीएस होता था। और इसके लिए उपभोक्ताओं को कोई अतिरिक्त कीमत नहीं देनी होगी।
बीएसएनएल मोबाइल उपभोक्ताओं के साथ लेंडलाइन उपभोक्ताओं को भी खो रहा है। बीएसएनएल मार्च 2014 से मार्च 2015 के बीच मे 1.78 करोड़ वायरलेस एवं लगभग 20 लाख वायरलाइन उपभोक्ताओं को खो चुकी है। लगभग 7600 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसलिए बाजार की प्रतियोगिता मे आगे बढ़ने के लिए बीएसएनएल अपनी न्यूनतम गति बढ़ा रही है। बीएसएनएल की इस घोषणा से निजी कंपनियों पर भी कीमत घटाने और इन्टरनेट की गति बढ़ाने का दबाव बढ़ेगा।
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