केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष शब्द
का उपयोग बंद होना चाहिए क्योंकि बाबा साहब आंबेडकर ने संविधान में कहीं भी
इस शब्द का जिक्र नहीं किया था।

राजनाथ
ने गुरुवार को संसद में बोलते हुए कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द
बाबा साहब ने संविधान में नहीं डाले। इन शब्दों को 42वें संशोधन में जोड़ा
गया। इन शब्दों का राजनीतिक रूप से दुरुपयोग होता है, जिसके चलते देश में
सौहार्द उत्पन्न करने में कठिनाई होती है।
उन्होंने
कहा कि सबसे ज्यादा दुरुपयोग सेक्युलर शब्द का हो रहा है। इसका शाब्दिक
अर्थ धर्मनिरपेक्ष नहीं बल्कि पंथनिरपेक्ष है। राजनाथ ने कहा कि भारत
पारंपरिक रूप से लोकतांत्रिक देश रहा है।
गृहमंत्री
ने कहा कि भारत सभी धर्मों को सम्मान मिलता है। यहूदी और पारसियों को सबसे
अधिक सम्मान यदि कहीं मिला है तो वह भारत देश है। साथ ही इस्लाम के 72
फिरके सिर्फ भारत में ही पाए जाते हैं, अन्य किसी देश में नहीं।
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