यह ऑनलाइन खेल द ब्लू व्हेल गेम या ब्लू व्हेल चेलेंज के नाम से जाना जाता है। इस गेम को रूस के एक व्यक्ति ने बनाया था जो की अभी जेल मे है। यह बहुत ही खतरनाक खेल है। इस गेम के ऊपर आरोप है की इस गेम मे खिलाड़ियों को 50 दिनों मे कुछ टास्क दिये जाते हैं जो की बहुत ही खतरनाक होते हैं। इस गेम मे मिलने वाला अंतिम टास्क अत्महत्या का होता है।
यह गेम रूस के सोशल नेटवर्क मे मौजूद एक ग्रुप "डेथ ग्रुप" मे आरंभ हुआ। इस गेम के कारण 2015 मे पहली आत्महत्या हुई। फिलिप नामक एक साइकोलोजी के एक छात्र पर इस गेम को बनाने के कारण यूनिवरसिटी ने निकाल दिया। फिलिप का कहना है की वह दुनिया की सफाई कर रहा है, वह उन्हे अत्महत्या के लिए उकसाता है, जिन लोगों की सोसाइटी मे कोई महत्व नहीं है।
16 लोगों ने इस गेम की वजह से आत्महत्या कर ली। फिलिप को इस गेम को बनाने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया।
इस गेम मे एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा खिलाड़ियोंकों चेलेंज दिये जाते हैं जिनहे खिलाड़ियों कों पूरा करना ही होता है। शुरुआती छोटे छोटे चेलेंज के बाद प्रतिदिन खतरनाक चेलेंज दिये जाने लगते हैं, जैसे की सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर जागना, क्रेन पर चडना, हाथ या पैर मे सुई घुसाना, छट या पूल पर खड़ा होना, संगीत सुनना, एडमिन द्वारा भेजे गए विडियो देखना। लेकिन अंतिम टास्क स्वयं को समाप्त करने की होती है।
जुलाई 2017 मे भारत मे भी एक किशोर ने इस गेम की वजह से अत्महत्या कर ली।
मेरा ये पोस्ट लिखने का सिर्फ यही उद्देश्य है की माता-पिता को अपने बच्चों पर निगाह रखनी चाहिए, माता पिता को ध्यान रखना चाहिए की उनका बच्चा मोबाइल मे कौनसा गेम खेल रहा है। आजकल फोन सिर्फ बात करने के लिए ही नहीं है, बल्कि मे बहुत खतरनाक हो चुके हैं।
और बच्चों से भी सलाह है की वे रचनात्मक गेम खेलें, दुनिया के लिए कुछ करना है, अपने घर परिवार का, अपने शहर का, अपने देश का नाम चमकाना है। सेना मे जाना है, डॉ बनना है, इंजीनियर बनना है, रेडियो जोकि बनना है, CA बनना है।
ज़िंदगी बहुत बड़ी होती है, इसे आनंद के साथ गुजरना चाहिए।
(“Big mama (Blue whale) 2012” by Gwenn Seemel is licensed under CC BY 2.0)
यह गेम रूस के सोशल नेटवर्क मे मौजूद एक ग्रुप "डेथ ग्रुप" मे आरंभ हुआ। इस गेम के कारण 2015 मे पहली आत्महत्या हुई। फिलिप नामक एक साइकोलोजी के एक छात्र पर इस गेम को बनाने के कारण यूनिवरसिटी ने निकाल दिया। फिलिप का कहना है की वह दुनिया की सफाई कर रहा है, वह उन्हे अत्महत्या के लिए उकसाता है, जिन लोगों की सोसाइटी मे कोई महत्व नहीं है।
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इस गेम मे एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा खिलाड़ियोंकों चेलेंज दिये जाते हैं जिनहे खिलाड़ियों कों पूरा करना ही होता है। शुरुआती छोटे छोटे चेलेंज के बाद प्रतिदिन खतरनाक चेलेंज दिये जाने लगते हैं, जैसे की सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर जागना, क्रेन पर चडना, हाथ या पैर मे सुई घुसाना, छट या पूल पर खड़ा होना, संगीत सुनना, एडमिन द्वारा भेजे गए विडियो देखना। लेकिन अंतिम टास्क स्वयं को समाप्त करने की होती है।
जुलाई 2017 मे भारत मे भी एक किशोर ने इस गेम की वजह से अत्महत्या कर ली।
मेरा ये पोस्ट लिखने का सिर्फ यही उद्देश्य है की माता-पिता को अपने बच्चों पर निगाह रखनी चाहिए, माता पिता को ध्यान रखना चाहिए की उनका बच्चा मोबाइल मे कौनसा गेम खेल रहा है। आजकल फोन सिर्फ बात करने के लिए ही नहीं है, बल्कि मे बहुत खतरनाक हो चुके हैं।
और बच्चों से भी सलाह है की वे रचनात्मक गेम खेलें, दुनिया के लिए कुछ करना है, अपने घर परिवार का, अपने शहर का, अपने देश का नाम चमकाना है। सेना मे जाना है, डॉ बनना है, इंजीनियर बनना है, रेडियो जोकि बनना है, CA बनना है।
ज़िंदगी बहुत बड़ी होती है, इसे आनंद के साथ गुजरना चाहिए।
(“Big mama (Blue whale) 2012” by Gwenn Seemel is licensed under CC BY 2.0)
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