मोदी जो भी करते हैं दुनिया से हट कर करते हैं, वे हर बार परंपराओं को तोड़ कर कुछ ऐसा करते हैं जो चर्चा का विषय बन जाता है, गौर से देखिये इस फोटो को, इस फोटो ने कल से धमाल मचा रखा है, क्या है किसी नेता में ये माद्दा? क्या आज तक भारत के किसी प्रधानमंत्री ने सफाईकर्मियों का ऐसा सम्मान किया है?
नेता दम्भ से भरे होते हैं, इसके विपरीत नरेन्द्र मोदी सभी नेताओं से हट कर व्यवहार करते हैं, चाहें संसद की सीढ़ियों पर माथा टेकना हो, चाहें रैली के स्टेज पर बुज़ुर्गो के पैर छूना हो मोदी ने हर बार देश के सामने एक नई मिसाल पेश की है, कल सफाई कर्मियों के पैर धो कर भी मोदी ने कुछ ऐसा ही किया, कुछ लोग कल की घटना को चुनाव के मद्देनजर पब्लिसिटी स्टंट कह रहे हैं, तो चुनाव में बम्पर जीत के बाद जब सदन की सीढ़ियों पर माथा टेका था तब कौन से चुनाव होने थे? कोई भी नही, फिर भला मोदी ने ऐसा क्यों किया? क्या ज़रूरत थी?
मोदी को समझना है तो उनके भूतकाल में जाना पड़ेगा, बचपन मे घर छोड़ देने के बाद मोदी संघ में आये, और तब से लगातार संघ में ही रहे, संघ के स्वयंसेवक रहे और तृतीय वर्ष शिक्षा प्राप्त कर संघ के प्रचारक बने, ये संघ की ही शिक्षा है जो किसी भी व्यक्ति में पॉजिटिव बदलाव करती है, संघ व्यक्तित्व निर्माण करता है, वह व्यक्तित्व निर्माण जो कल आपने देखा, संघ का प्रचारक एक आम आदमी से बहुत हट कर होता है (कृपया संघ की पोल खोल सिरीज़ पढ़ने का कष्ट करें), उनमें नाम मात्र का भी घमंड नही होता, वे कभी भेदभाव नही करते, ये सब संघ शिक्षा की बदौलत मोदी के खून में है ।
कल जब आप सब देश के प्रधानमंत्री को पैर धोते देख दांतो तले उंगलियां दबा रहे थे तब में यह वीडियो सब को फॉरवर्ड कर संघ शिक्षा के दर्शन करवा रहा था, आप सबको पैर धोता प्रधानमंत्री दिखाई दे रहा था पर मुझे तो संघ का प्रचारक नज़र आ रहा था, आप सबके लिए यह एक अजूबी घटना थी पर मेरे लिए यह एक सामान्य घटना थी, आज से तकरीबन 2 वर्ष पूर्व मेरे लिए भी ऐसी घटनाएं अजूबी हुआ करती थी लेकिन जैसे जैसे संघ प्रचारकों को थोड़ा करीब से देखा तो पाया यह सब उनकी सामान्य दिनचर्या है(कृपया संघ की पोल खोल सीरीज पढ़ने का कष्ट करें), ऐसी अजूबी घटनाएं देखना अब मेरे लिए आम बात है ।
जिन अक्ल के अंधों को संघ में भी जातिवाद दिखाई देता है वे इस फोटो और वीडियो को आंखे फाड़ फाड़ कर तब तक देखें जब तक उनकी आंखों और दिमाग से गंदगी बाहर न निकल जाए, जो लोग संघ प्रचारकों को बिना जाने परखे कुछ भी बोलते हैं उन्हें भी यह फोटो और वीडियो ज़रूर देखना चाहिए, मोदी की यह फोटो संघ संस्कारों का असली परिचय करवाती है, जहाँ कार्य करने वाले कार्यकर्ता को पूजा जाता है, यहाँ पद की नही कार्यकर्ता यानी एक मामूली से स्वयंसेवक को भी पूजा जाता है, वो गरीब है उसकी क्या जाती है ये कभी नही देखा जाता, संघ का राजनीति से कोई मतलब नही है, संघ को अगर किसी चीज से मतलब है तो वो आपके व्यक्तित्व निर्माण से, आपके अंदर के राम को संघ बाहर लाने का काम करता है, आपके अंदर के रावण का वध करने का काम संघ करता है, मैंने कह दिया और आपने मान लिया? ऐसे चलेगा क्या? बिल्कुल नही, इसलिए आज ही खुद से संघ जाइये और खुद से अनुभव कीजिये, बाकी जिन्हें बुराई करनी है वे बिना जाने करते ही रहेंगे, बुराई करना उनकी मजबूरी है उनकी पार्टी लाइन है, लेकिन ऑफ दा रिकॉर्ड वे भी संघ की तारीफ करते नही थकते ।
ऐसे संघ पर मुझे गर्व है, ऐसे प्रचारकों को में नकमस्तक हो कर प्रणाम करता हूँ, ये देश सदा संघ और उनके प्रचारकों का ऋणी रहेगा, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी खपा दी सिर्फ देश की खातिर, ये सिर्फ देश के जीते हैं देश के लिए मरते हैं, मेरा दंडवत प्रणाम संघ को पहुचे हर प्रचारक तक पहुचे हर एक स्वयंसेवक तक पहुचे, आप सब जिस राष्ट के निर्माण में लगे हैं कल की फोटो उसका पोस्टर मात्र है, पिक्चर अभी बाकी है दोस्त !
साभार : श्री नितिन शुक्ला
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